नहीं रुक रही भाजपाइयों की गुंडई, फिर तोड़ी लेनिन की एक और मूर्ति

Update: 2018-03-06 22:22 GMT

लेनिन की मूर्ति ढहाने के बाद कहा भाजपाई गृहराज्य मंत्री ने विदेशी नेताओं की मूर्तियों के लिए नहीं है भारत में कोई स्थान, तो भाजपा सांसद बोले आतंकवादी है लेनिन, उसकी मूर्ति देश में नहीं होनी चाहिए...

जनज्वार। त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद भाजपा की गुंडई चरम पर पहुंच गई है। कम्युनिस्टों के गढ में जीत दर्ज करने के बाद उसने आम जनता में खौफ पैदा करने का काम भी शुरू कर दिया है। लोगों के दिलोदिमाग से लेफ्ट को निकालने के लिए उसने सबसे पहले मजदूरों और शोषितों—दमितों के आदर्श रहे लेनिन की मूर्ति को तोड़ने का काम किया है। कल लेनिन की एक मूर्ति ढहाने के बाद आज फिर एक और मूर्ति ढहा दी गई है।

गौरतलब है कि त्रिपुरा में भाजपाइयों की गुंडई को शह देने का काम उनके नेता भी कर रहे हैं तभी तो भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु के महासचिव एच राजा ने अपने सोशल मीडिया से जनता में संदेश दिया कि लेनिन के बाद तमिलनाडु में अब दलित चिंतक पेरियार की मूर्ति गिराएंगे।

दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में लेनिन की विशाल मूर्ति पर बुलडोजर चलाने के बाद आज दक्षिण त्रिपुरा के ही सबरूम मोटर स्टैंड इलाके में लेनिन की एक और मूर्ति तोड़े जाने की घटना सामने आई है।

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हालांकि अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसे भी भाजपाइयों ने ही अंजाम दिया है, मगर स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा और आरएसएस समर्थकों ने ही यहां भी लेनिन की मूर्ति तोड़ी है। गौरतलब है कि मात्र 3 दिन पहले त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद से भाजपा ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। वामपंथी नेताओं और उनके प्रतीकों पर लगातार हमले जारी हैं।

त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद से आगजनी, मारपीट, तोड़-फोड़, झड़प और हिंसा का दौर शुरू हो चुका है। राजनीतिक विश्लेषक तो यहां तक कयास लगाने लगे हैं कि यह मूर्ति ढहाने का दौर इंसानी खून बहाने के बाद ही खत्म होगा। उससे पहले भाजपाई गुंडे शांत नहीं होंगे।

लेनिन की प्रतिमा ढहाए जाने को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बयान दिया कि वैसे तो सरकार हर तरह की हिंसा की निंदा करती है, लेकिन विदेशी नेताओं की प्रतिमाओं के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है। वहीं बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले 'लेनिन तो विदेशी है। एक प्रकार से आतंकवादी है। ऐसे व्यक्ति की हमारे देश में मूर्ति क्यों? वो मूर्ति कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय में रख सकते हैं और पूजा करें।'

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शायद बीजेपी के बड़े नेताओं के पीठ थपथपाने वाले बयानों के बाद से ही त्रिपुरा में भाजपा गुंडों के हौसले बुलंद हैं, तभी तो चुनाव जीतने के बाद वहां छुटपुट हिंसक घटनाओं से लेकर लेनिन की मूर्ति ढहाने का काम चालू है।

त्रिपुरा में हो रही हिंसक घटनाओं के मद्देनजर यहां कई इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। जब साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोजर की मदद से व्लादिमिर लेनिन की मूर्ति को ढहाया गया था तो उसका समर्थन करते हुए त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट किया था कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार जो कर सकती है, उसे दूसरी चुनी हुई सरकार खत्म भी कर सकती है।

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सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में हो रही हिंसक घटनाओं का विरोध करते हुए कहा है कि राज्य में जो हिंसा हो रही है, उससे साफ हो जाता है कि आरएसएस—बीजेपी क्या चाहती ह। हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है और जनता इसका जवाब उन्हें अवश्य देगी।

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