स्वच्छता अभियान के लिए कर देते हैं आधी पेंशन दान

Update: 2017-10-03 11:55 GMT

कभी—कभी लोग हमसे अछूतों जैसा व्यवहार करते हैं, तब हमको थोड़ा बुरा सा लगता था। लेकिन ऐसे कार्यक्रम होने से हमको लगा कि हमारे लिए भी कोई कुछ सोच रहा है। हम सब सफाई कर्मचारी इस प्रोत्साहन से तहेदिल से और एक उम्मीद से कूड़ा उठाने का काम करेंगे...

पुणे से रामदास तांबे की रिपोर्ट

'पूरे देश में स्वच्छता अभियान मनाया गया, किसी के द्वारा स्वच्छता करके तो किसी ने सिर्फ फोटो सेशन करके उच्च प्रतिक्रिया भी दी गई होगी। यह सिर्फ इस दिन के लिए काफी था। लेकिन जिनके लिये स्वच्छता को बनाए रखना हर दिन का काम होता है, वे सब कूड़ा उठाने वाले कामगार ही देश के सच्चे स्वच्छता दूत हैं।' यह कहना है सुपरिचित पुणे के पिम्परी चिंचवड़ में रहने वाले एक सेवानिवृत्त शिक्षक चन्द्रकांत कुलकर्णी का।

स्वच्छता के लिए शिक्षक चंद्रकांत कुलकर्णी ने पिम्परी चिंचवड़ महानगर निगम के कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया। साथ ही दक्षिणा के साथ उनको खाना भी खिलाया।

शायद इस तरह का कार्यक्रम सफाई कर्मचारियों के जीवन में पहली बार किया गया होगा इसलिए उनके चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। सफाई कर्मचारियों ने इस सम्मान के लिए चन्द्रकान्त कुलकर्णी का बहुत आभार प्रकट किया।

इस दौरान कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों में से एक महिला कर्मचारी ने कहा कि 20 साल के जीवन में यह कार्यक्रम पहली बार देखने को मिला। कभी—कभी लोग हमसे अछूतों जैसा व्यवहार करते हैं, तब हमको थोड़ा बुरा सा लगता था। लेकिन ऐसे कार्यक्रम होने से हमको लगा कि हमारे लिए भी कोई कुछ सोच रहा है। हम सब सफाई कर्मचारी इस प्रोत्साहन से तहेदिल से और एक उम्मीद से कूड़ा उठाने का काम करेंगे।

साथ ही कहा कि लोगों को कहीं भी थूककर या कचड़ा डालकर गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए, क्योंकि लोगों ये मालूम होना चाहिए कि गन्दगी साफ करने वाले और कूड़ा उठाने वाले लोग भी आखिरकार इंसान ही हैं, न कि कोई मशीन। मगर कुलकर्णी जी ने हमें जिस तरह से सम्मानित किया उससे हमें इतनी खुशी हुई कि उसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं।

सफाई कर्मचारियों के सम्मान कार्यक्रम के दौरान इसके आयोजक चंद्रकांत कुलकर्णी ने कहा कि यह कार्यक्रम आयोजित करना हमारे लिए भाग्यशाली रहेगा, क्योंकि सफाई कर्मचारी देश को स्वच्छ रखने में अहम भूमिका निभा रहा है। अगर इन्होंने कूड़ा नहीं उठाया तो देश में गन्दगी फैल जायेगी। देश के सभी नागरिकों को कूड़ा कम से कम फैलाना चाहिये या कूड़ा कैसे कम होगा इस मामले में दखल लेना जरूरी है। मैं खुद सफाई कामगारों की समस्याओं का हल करने के लिए एक पत्र लिखकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने वाला हूं।

अत्यंत सीधा-साधा जीवन जीने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रकांत कुलकर्णी अपनी पेंशन का आधा हिस्सा हर महीने स्वच्छ भारत अभियान के लिए भारत सरकार को दान करते हैं। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे में एक कार्यक्रम में आये थे, तब उन्होंने चंद्रकांत कुलकर्णी से मुलाकात की थी। अब तक उनके नाम का उल्लेख प्रधानमंत्री मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम में दो बार कर चुके हैं।

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