प्रमुख ताइवानी मशीन निर्माता दिल्ली मशीन टूल एक्सपो में शामिल

Update: 2017-08-11 18:47 GMT

दिल्ली। भारत के सकारात्मक कारोबारी माहौल और उच्च स्तरीय उपकरणों की मांग के कारण ताइवान विदेश व्यापार विकास परिषद (टीएईटीआरए) और ताइवान के आठ मशीन टूल निर्माताओं ने दिल्ली मशीन टूल एक्सपो में लगातार दूसरी बार भाग लिया। यह प्रदर्शनी 10 से 13 अगस्त तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित की जाएगी।

उच्च प्रसंस्करण क्षमता, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और ताइवान में निर्मित मशीन टूल्स के टोटल सर्विस सॉल्यूशन ने भारतीय खरीदारों को काफी बड़ी संख्या में ताइवान की कंपनियों के प्रति आकर्षित किया। ताइवान में निर्मित मशीन के उपकरण खरीदना और अपने उत्पादन और प्रॉडक्ट्स को अपग्रेड करना उनका लक्ष्य बन गया।

अग्रणी निर्माताओं में शामिल टोंगटाई मशीन एंड टूल कंपनी लिमिटेड, ईचेनटूल उद्योग कंपनी लिमिटेड, ह्यूनचेन मशीनरी कंपनी लिमिटेड, चेन हेडवे मशीन टूल कंपनी लिमिटेड, मेगा टेक मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड (सिमको), हैन क्यून मशीनरी एंड हार्डवेयर कंपनी विमिटेड, 7 लीडर्स कॉर्प और कोलोवा वेंटिलेशन कंपनी लिमिटेड प्रदर्शनी में हिस्सेदारी कर रही हैं।

इस प्रदर्शनी में कंपनियों ने विस्तृत रेंज के औद्योगिक उपकरणों का प्रदर्शन होगा, जिसमें त्याधुनिक सीएनजी मशीन सेंटर और स्प्रिंग मशीन के अलावा कई तरह की एक्सेसरीज शामिल थी। इन सहायक उपकरणों में स्पिंडल हेड, काटने के औजार और उपकरण को थामने के औजार शामिल थे।

प्रदर्शनी देखने आए लोगों या विजिटर्स को उच्च और तकनीकी रूप से सक्षम विश्वसनीय मशीनों के निर्माण में ताइवान की विशेषज्ञता की भी झलक मिलेगी।

भारत में तापेई इकनॉमिक और कल्चरल सेंटर के आर्थिक विभाग के निदेशक यांग ने 10 अगस्त को प्रगति मैदान में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है। निर्माण क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी होने के कारण मशीन टूल इंडस्ट्री में भारत के निर्माण उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाने की क्षमता है।

यांग ने देश की प्रतिस्पर्धा और ताइवान में बने मशीन टूल के लाभ के संबंध में भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ताइवान में बने मशीन के उपकरण जैसे मेक इन इंडिया की पहल में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। प्रदर्शनी में ताइवान की प्रमुख टूल निर्माता कंपनियों ने अपने आधुनिक प्रॉडक्ट्स, नई पहल और मशीनों की समस्याओं के समाधान पेश किए।

चेन हेडवे मशीन टूल ने अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले और सबसे प्रतिस्पर्धी प्रॉडक्ट्स जैसे, पॉलिगन पेपर टूल होल्डर के साथ पीसीडी और मिरर फेस मिलिंग कटर्स का प्रदर्शन किया, जो इंडस्ट्रीज में किसी वस्तु को बेहतर ढंग के काटने, उपकरण की उम्र बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन की क्षमता बढ़ाने की भी पेशकश करती है।

ईचेनटूल इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड ने ब्रैंड न्यू एमयू-जीएमएम और एमयू2-जीएमए प्रॉडक्ट को लॉन्च किया। इसमें बेहतरीन ढंग से चिप्स को हटाने की क्षमता है। इसके साथ ही इसका अलग-अलग वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है।

टोंगटाई ने भारत की टॉप 5 मशीन टूल कंपनियों में एक, लोकेश के साथ पहली मशीन, ईजेड-5 ड्रिलिंग एंड टैपिंग सेंटर, के निर्माण के लिए साझेदारी की। यह एक उन्नत मॉडल है, जो ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। टोंगटाई ने भारत में अपने विनिवेश की योजना की भी घोषणा की।

टोंगटाई के प्रबंध निदेशक रोहित राय ने कहा, 'हमें भारत में उन्नत मॉडलों के निर्माण के लिए लोकेश के साथ अपनी साझेदारी और मजबूत बनाने की उम्मीद है। हमारी योजना टेक्निकल एप्लिकेशन सेंटर बनाने की है, जिससे सभी तरह की जरूरतों के लिए एक तत्काल समाधान मुहैया कराया जा सके।'

भारतीय कारोबारियों ने इस प्रदर्शनी में ताइवान की गोल्डन वैली क्षेत्र का भी पहला अनुभव हासिल किया। यह वैली एक हजार से ज्यादा परफेक्ट मशीनरी के निर्माताओं और 10 हजार से ज्यादा डाउन स्ट्रीम सप्लायर्स का घर है। गोल्डन वैली क्षेत्र में प्रति यूनिट क्षेत्र में उच्चतम उत्पादन मूल्य मिलता है। इसी के साथ विश्व में किसी मशीन टूल इंडस्ट्री कलस्टर की तुलना में यहां उच्चतम घनत्व मिलता है।

इस इवेंट के इतर मेगाटेक इंडस्ट्रीज (सिमको) ने 2017 के आरंभ में कंपनी की स्थापना की। कंपनी ने आधी तैयार हुई मशीन की असेंबल करने के लिए भविष्य की योजनाओं की घोषणा की, जिससे भारत में भविष्य के लिए व्यापारिक प्रतियोगिता को बढ़ाने में मदद मिल सके। हयून चेन मशीनरी कंपनी लिमिटेड ने भारत में अपने पाटर्नर की तलाश करने और बिजनेस को बढ़ाने की योजनाओं का भी खुलासा किया।

2015 में मशीन टूल एक्सपो में टीएआईटीआरए की भागीदारी के बाद ताइवान के मशीनी उपकरणों का निर्यात भारत को 1.61 फीसदी बढ़ गया, जिससे 2016 में भारत को 121 मिलियन डॉलर का निर्यात बढ़ गया। 2016 के अंत तक ताइवान की करीब 90 कंपनियों ने भारत में अपने बिजनेस ऑपरेशन शुरू किए।

ताइवान की कंपनियों का भारत में कुल निवेश 1.4 खरब डॉलर का था। ताइवान की कंपनियों ने भारत को आईसीटी, मेडिकल उपकरण, ऑटोमोबाइल पार्ट, मशीनरी, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान की।

ताइवान की मशीन इंडस्ट्री को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी माना जाता है। वहां की कंपनियां गुणवत्ता, दाम और सर्विसेज की उत्कृष्टता पर बहुत जोर देती है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी मोदी सरकार की आकर्षक पहल के साथ भारत इस समय निर्माण क्षेत्र में एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। इससे दोनों देशों के संबंध एक नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं, जैसे पहले कभी नहीं हुआ था और ताइवान की मशीन टूल इंडस्ट्री इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

Similar News