पाकिस्तान में भी हुआ था मार्च में तबलीगी जमातियों का जमावड़ा, इकट्ठा हुए थे 80 देशों के लाखों लोग

Update: 2020-04-02 08:27 GMT

पाकिस्तान में कोरोना से संक्रमित होने वाले तबलीग़ी जमात के सदस्यों की सबसे बड़ी संख्या सिंध सूबे के हैदराबाद शहर में सामने आई है सामने, रायविंड के तबलीगी सेंटर के 50 लोगों का टेस्ट कराने पर 27 में कोरोनावायरस निकला पॉजिटिव...

पीयूष पंत का विश्लेषण

जनज्वार। दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े से तबलीग़ी जमात के जमावड़े की खबर क्या आई, हड़कंप सा मच गया। ऐसा होना वाजिब भी था क्योंकि इनमें से कई लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए। आशंका पैदा होने लगी है कि ना जाने इन लोगों ने और कितने लोगों को संक्रमित किया होगा?

सी ही आशंका और चिंता पाकिस्तान में भी पैदा हो गयी है, लेकिन निजामुद्दीन में हुए जमावड़े को लेकर नहीं, बल्कि खुद पकिस्तान में मार्च महीने के शुरुआती हफ़्तों में हुए तबलीग़ी जमात के जमावड़े को लेकर।

ग़ौरतलब है कि मार्च के दूसरे हफ्ते में पाकिस्तान के पंजाब सूबे में लाहौर स्थित रायविंड स्थान पर बने तबलीगी सेंटर में देश-विदेश से आये लाखों धर्म-प्रचारक जमा हुए थे। दुनिया के 80 देशों से ये मुस्लिम धर्म प्रचारक वहां जमा हुए थे। इनमें ज़्यादा संख्या पाकिस्तान के लोगों की ही थी, लेकिन दूसरे देशों से भी हजारों प्रचारक आये थे।

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बलीग़ी जमात के लोगों को पहचानना बहुत आसान होता है। ये लोग सिर पर टोपियां लगाए, सफर का सामान पीठ पर लादे पंक्तिबद्ध तरीके से चलते हैं।

लाहौर के जिला प्रशासन और पुलिस के अनुसार रायविंड के तबलीग़ी इज्तिमा यानी धार्मिक जमावड़े में दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, जिनमें विदेशों से आए लोग भी शामिल थे। ये लोग तीन दिन और दो रात वहां रुके थे। इसके बाद उन्हें अलग-अलग टोलियों में बाँटकर यह तय कर दिया गया कि किसे किस इलाक़े में जाना है। फिर वो बसों पर सवार हो कर देश के विभिन्न शहरों की तरफ निकल पड़े।

लेकिन जब तक प्रचारकों की ये टोलियां अलग-अलग शहर में अलग-अलग स्थानों पर पहुँची और अपना काम शुरू किया, कोरोनावायरस के केस खबरों में सुर्खियां बनने लगे।

भी इस्लामाबाद में तबलीग़ी इज्तिमा से निकलकर आने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस होने का पता चला। यह भी खबर आई कि इज़्तिमा में शामिल होने पहुंचे फिलीस्तीन और किर्गिस्तान के एक-एक प्रचारक भी कोरोना से संक्रमित है। संक्रमित लोगों की ख़बरों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा था। पाकिस्तान के दक्षिण प्रान्त सिंध से चार लोगों के संक्रमणित होने की भी खबर आई। ये चारों भी इस जमावड़े में भाग लेने पहुंचे थे।

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न ख़बरों ने आम पाकिस्तानियों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों के भी होश उड़ा दिए क्योंकि इस समय तक चीन, ईरान, यूरोप, अमेरिका समेत दुनियाभर में ये साबित हो चुका था कि कोरोनावायरस लोगों के एक जगह पर एकत्रित होने से भी बहुत तेज़ी से फैलता है।

ब लोगों को ये सवाल परेशान करने लगा कि कहीं तबलीग़ी जमात के इज्तिमा के दौरान भी तो ऐसा नहीं हुआ होगा?

लिहाजा स्थानीय प्रशासन ने वो पूरा इलाक़ा क्वारंटीन कर दिया और एक के बाद एक दो और मोहल्लों को लॉकडाउन कर दिया। चूंकि प्रचार-कार्य के दौरान तबलीग़ी जमात के लोग स्थानीय इलाक़े में रहने वाले ज़्यादातर लोगों के साथ मिलते-जुलते हैं, इसलिए अगर एक तबलीग़ी सदस्य में कोरोना पाया गया तो पूरे इलाक़े को ही बंद कर दिया गया।

अंत में पंजाब सरकार ने 12 मार्च को रायविंड स्थित तबलीग़ी सेंटर को पूरी तरह से बंद कर दिया। सूत्रों के अनुसार उस वक़्त भी तबलीग़ी सेंटर में दो हज़ार से अधिक लोग मौजूद थे जिनमें 600 के क़रीब विदेशी प्रचारक थे। ज़्यादातर लोगों को इसी सेंटर में क्वारंटीन में रख लिया गया था, जबकि कुछ लोगों को काला शाह काकू के क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया था।

लेकिन सरकार के हरकत में आने तक बहुत देर हो चुकी थी। सेंटर का इज्तिमा और उसके बाद के दिनों में भी तबलीग़ी टोलियों को पूरे देश में फैले हुए और अपना प्रचार का काम शुरू किये हुए काफी दिन बीत चुके थे। अब सरकार के सामने यह सवाल मुंह बाये खड़ा था कि इन तबलीग़ी टोलियों में कुल कितने लोग शामिल थे, वो कितने इलाक़ों में फ़ैल चुके हैं, उन्हें कैसे तलाश किया जाये और फिर कहां रखा जाए?

रकारी अधिकारियों की चिंता इस बात से भी बढ़ चुकी थी कि रायविंड के तबलीगी सेंटर के 50 लोगों का टेस्ट कराने पर 27 में कोरोनावायरस की पुष्टि हो गयी। कोरोना से संक्रमित होने वाले तबलीग़ी जमात के सदस्यों की सबसे बड़ी संख्या सूबे सिंध के हैदराबाद शहर में सामने आई है।

पाकिस्तान में मार्च महीने में आयोजित हुआ इज्तिमा उन तीन वार्षिक इज्तिमों में से एक है, जो तबलीग़ी जमात आयोजित करती है और इसमें ज़्यादातर जमात के परमानेंट सदस्य शामिल होते हैं।

बलीग़ी जमात सिर्फ पकिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है, इसका सबसे बड़ा इज्तिमा बांग्लादेश में होता है।

वैसे इस जमात के जमावड़े पूरे साल और जगह-जगह होते रहते हैं, लेकिन तीन इज्तिमा ऐसे हैं जो हर साल एक ही जगह पर आयोजित किए जा रहे हैं। ये हैं भारत में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का इज्तिमा। पाकिस्तान में लाहौर के निकट होने वाला 'रायविंड इज्तिमा' और बांग्लादेश की राजधानी ढाका के करीब 'टोंगी' में होने वाला सालाना इज्तिमा।

क्त तीनों जमावड़ों को सालाना इज्तिमा इसलिए कहा जाता है कि ये हर साल आयोजित किए जाते हैं। बांग्लादेश में होने वाला इज्तिमा तो इसी साल फरवरी में संपन्न हुआ है। मीडिया के अनुसार वहाँ 30 लाख लोग जमा हुए थे।

गौरतलब है कि इसी साल फरवरी के अंत और मार्च के शुरू में मलेशिया के कुआला लुम्पुर के बाहरी इलाके में भी तबलीगी जमात का जमावड़ा हुआ था। उसके बाद मलेशिया के मीडिया में इस तरह की खबर थी कि मलेशिया में कोरोनावायरस से संक्रमणित लोगों में से आधे वे थे जो इस जमावड़े में शामिल हुए थे।

धर पाकिस्तान के कुछ तबलीग़ी जमात के नेताओं ने ये आरोप लगाए हैं कि विभिन्न इलाक़ों में तबलीग़ी जमात के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और हिंसा भी की जा रही है।

पाकिस्तान उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष अल्लामा ताहिर अशरफी ने भी एक बयान जारी कर साफ़तौर पर कहा है कि तबलीग़ी जमात का इज्तिमा उस समय हुआ जब सरकार ने लॉकडाउन का एलान नहीं किया था और पाकिस्तान सुपर लीग के मैच भी हो रहे थे, लेकिन जैसे ही सरकार ने एलान किया तो इज्तिमा ख़त्म कर दिया गया और लोगों को घर को जाने को कह दिया गया।

हरहाल यह तो साफ़ है कि इस जमावड़े ने पाकिस्तान की इमरान सरकार की नींद हराम कर रखी है।

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