हिंदू समाज पार्टी अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में 3 मुस्लिम युवक गिरफ्तार, डीजीपी बोले भड़काऊ भाषण बना मौत का कारण!
जहां उत्तर प्रदेश के डीजीपी दे किया दावा कि पकड़ लिया गया है कमलेश तिवारी के हत्यारों को तो कमलेश तिवारी की मां ने कहा भाजपा के स्थानीय नेता शिव कुमार गुप्ता ने रची उनके बेटे की हत्या की साजिश...
जनज्वार। हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि हमने इस हत्याकांड मामले में शामिल रहे 3 लोगों को गुजरात के सूरत से पुलिस ने गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया है। इनसे पूछताछ जारी है, जिससे आगे और सुराग मिलेंगे और यूपी पुलिस यह केस बहुत जल्द सुलझा लेगी। गौरतलब है कि कल 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी की उन्हीं के घर में गला रेतकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी।
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए उनके ने भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता को जिम्मेदार ठहराया है। कमलेश तिवारी की मां ने महमूदाबाद में स्थित राम जानकी मंदिर की मुकदमेबाजी को इस घटना की वजह बताया है। कहा कि शिव कुमार गुप्ता नाम नाम का एक स्थानीय बीजेपी नेता मेरे बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार है। उनकी मां का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कमलेश तिवारी की मां वीडियो में कहती सुनाई दे रही हैं कि चकेरी का रहने वाला शिव कुमार गुप्ता भू माफिया है और उनके खिलाफ 500 केस चल रहे हैं। वह मंदिर के जबरदस्ती अध्यक्ष बन गए और मेरे बेटे कमलेश के आगे उनकी नहीं चल रही थी, इसलिए शिव कुमार गुप्ता ने उनकी हत्या करा दी।
वहीं उत्तर प्रदेश डीजीपी ने प्रेस को बताया कि हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड अभी तक पुलिस तीन लोगों को हिरासत में ले चुकी है, जिनसे पूछताछ जारी है। बकौल डीजीपी हत्या की वजह कमलेश तिवारी का 2015 में दिया गया एक भड़काऊ भाषण था।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह कहते हैं 'कमलेश तिवारी की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। गुजरात की एक दुकान की मिठाई का डिब्बा मौके पर मिला था। उससे इस हत्या का गुजरात कनेक्शन पता चला। 3 संदिग्ध लोग मोहिसन शेख सलीम, फैजान और रशीद अहमल को गुजरात में हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है।'
बकौल पुलिस शुरुआती जांच के मुताबिक तीनों आरोपी हत्या में शामिल हैं। इनके अलावा दो अन्य लोग भी हत्याकांड में शामिल थे, जो फरार चल रहे हैं। हालांकि पकड़े लगे गये लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि होने के बारे में डीजीपी कुछ नहीं बता सके।
यूपी डीजीपी के मुताबिक, 'वर्ष 2015 में कमलेश के आपत्तिजनक बयान के बाद इनकी हत्या करने वाले को ईनाम देने की घोषणा की गई थी। यह किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा मामला नहीं है। हमने सुरक्षा हर जगह बढ़ा दी है। 24 साल का मौलाना मोहसिन शेख साड़ी की दुकान पर काम करता था, जबकि 21 साल का फैजान जूते की दुकान पर काम करता था। तीसरा आरोपी 23 साल का राशिद अहमद पठान दर्जी और कम्पयूटर का जानकार है, जो मुख्य साजिशकर्ता है।'
कमलेश तिवारी की उनके घर में ही शुक्रवार 18 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना है कि हत्याकांड में शामिल तीन संदिग्धों की पहचान पुलिस ने CCTV फुटेज में देखकर की है। जानकारी के मुताबिक कल 18 अक्टूबर की सुबह ये लोग कमलेश तिवारी से मिलने उनके घर आये थे, जिन्हें तिवारी ने खुद अपने घर के अंदर बुलाया था। उन लोगों के घर के अंदर आने पर उन्होंने अपने एक साथी से कहा कि वह सिगरेट लेकर आएं। जब कमलेश तिवारी का साथी वापस सिगरेट लेकर लौटा तो कमलेश तिवारी की हत्या हो चुकी थी। उनके घर से एक पिस्तौल बरामद हुई है। कहा जा रहा है कि ये लोग दिवाली की मिठाई देने के बहाने घर के अंदर घुसे थे और मिठाई के डिब्बे में पिस्तौल छुपाई हुई थी।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक ATS गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने दावा किया है कि हिरासत में लिए तीनों आरोपियों ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में अपनी भागीदारी कबूल कर ली है।