यूपी पुलिस जुर्म कबूलवाने और धन उगाही के लिए करती है थर्ड डिग्री टार्चर

Update: 2019-07-27 16:58 GMT

गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती आशु के घरवालों ने लगाया आरोप जब घूस की रकम हमने नहीं दी पुलिस वालों को तो आशु मियां को किसी गुप्त स्थान पर बंद करके थर्ड डिग्री का किया गया टार्चर, हालत बनी हुई है गंभीर...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

त्तर प्रदेश में कई स्तरों पर पुलिस पैसा वसूलती है, थाने और चौकी के अलावा जिला स्तर पर अलग अलग उच्च पुलिस अधिकारियों के अलग अलग स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और प्रदेश स्तर पर एसटीएफ कहने को तो अपराध नियंत्रण के लिए हैं। पर ये न केवल जबरन वसूली करते हैं, बल्कि वसूली के लिए पकड़ को थर्ड डिग्री टार्चर भी करते हैं।

सा ही एक मामला बहराइच से सामने आया है। यहां एसओजी ने शक के आधार पर एक शख्स को रास्ते से उठा लिया। बाद में उसे छोड़ने के लिए पुलिस ने परिजनों से पांच लाख रुपये की घूस मांगी। जब परिवार पैसे नहीं दे पाया तो पीड़ित को अज्ञात जगह पर ले जाकर एसओजी ने थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया।

रअसल यह संविधान का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है, क्योंकि संविधान में आरोपी को अपने खिलाफ गवाही देने के लिए बाध्य करने पर रोक है। यानी आरोपी को चुप रहने का संवैधानिक अधिकार है।

हराइच एसओजी ने शक के आधार पर आशु मियां उर्फ़ जमील अहमद नाम के एक शख्स को रास्ते से अगवा कर लिया और उसे छोड़ने के लिये 5 लाख रुपये घूस की मांग की गई। पीड़ित के परिजनों का आरोप है कि जब घूस की रकम पुलिस वालों को नहीं मिली तो आशु मियां को किसी गुप्त स्थान पर बंद करके थर्ड डिग्री का टार्चर किया गया।

28 वर्षीय आशु मियां थाना रूपइडीहा इलाके के मुस्लिमबाग में रहते हैं तथा लंबे समय से टीबी का मरीज हैं। वो 20 जुलाई को जब बहराइच दवा लेने आया हुआ था कि तभी एसओजी की टीम ने उसको स्मैक तस्करी के शक में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कस्टडी के दौरान पीड़ित को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया, जिससे उसकी हालत खराब हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि एसओजी ने हिरासत के दौरान पीड़ित को करंट लगाकर मारने की भी कोशिश की। एसओजी की पिटाई से युवक की हालत नाजुक हो गई है, जिसे गंभीर अवस्था में लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।

टना की भनक लगते ही एसपी बहराइच डॉ. गौरव ग्रोवर ने एसओजी टीम के प्रभारी आर.पी यादव को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया, जबकि टीम के सिपाहियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक ने एएसपी रवींद्र कुमार सिंह को सौंपी है।

नाबालिग को थर्ड डिग्री टार्चर

इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ पुलिस ने एक 14 वर्षीय लड़के को उठा लिया और नाबालिग द्वारा ई-रिक्शा चुराने का आरोप स्वीकार नहीं करने पर उसे थर्ड डिग्री टार्चर दिया। एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने सर्कल ऑफिसर तनु उपाध्याय से पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच करने को कहा है।

रिपोर्टों के मुताबिक, अमरेश गौतम का ई-रिक्शा चोरी होने के बाद नाबालिग को तेलीबाग पुलिस ने पकड़ लिया था। नाबालिग कभी-कभार अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रिक्शा चलाता था। उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। अमरेश गौतम द्वारा उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद 25 जुलाई को नाबालिग को तेलीबाग चौकी ले जाया गया। उसे पीटा गया और पुलिस ने उसे यातना दी और चोरी स्वीकार करने के लिए कहा गया। पुलिस ने उसके पैरों को जूते से कुचला।

नाबालिग के परिवार ने तब एक सामाजिक कार्यकर्ता से संपर्क किया, जो शुक्रवार 26 जुलाई की रात माता-पिता और पीड़ित को एसएसपी से मिलाने के लिए ले गया। लड़के की चिकित्सकीय जांच में पैरों पर सूजन और चोटों की पुष्टि हुई है। एसएसपी ने परिवार को आश्वासन दिया है कि जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिजनौर में मौत

इसके पहले यूपी के बिजनौर में भी पुलिस पर आरोप लग था कि गाड़ियों की चेकिंग के दौरान उसने एक शख़्स को इस तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई। विरोध में लोगों ने थाने का घेराव किया तो उन पर लाठीचार्च हुआ। पुलिस का कहना है कि जोगेंद्र नाम के शख़्स को चेकिंग के लिए रोका गया था, लेकिन वो खुद गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।

बहराइच में एक और थर्ड डिग्री टार्चर का मामला

यूपी के बहराइच के थाना कैसरगंज की पुलिस का थर्ड डिग्री टार्चर का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस उसे जबरन घर से उठा लाई और चोरी का गुनाह कबूल करने के लिए यातनाएं दी। पीड़ित ने एसपी के सामने पेश होकर घटना की जानकारी दी।

कैसरगंज थाना क्षेत्र के बंगला मझारा तौकली गांव निवासी अमृत लाल चौहान ने अपनी लिखित तहरीर में आरोप लगाया है कि बीते 9 जुलाई को थाना कैसरगंज के पुलिस वालों ने थानाध्यक्ष के इशारे पर अचानक उसके घर पर दिनदहाड़े धावा बोल दिया। उसे घर से उठा लाए फिर थाने के लॉकप में बंद कर जबरन फर्जी चोरी का गुनाह कबूलवाने के लिए उसको थर्ड डिग्री का टार्चर दिया।

पीड़ित को जबरन बंद करने का न तो कोई कारण बताया और न ही कोई लिखा पढ़ी की। थाने पर गए गांव के एक जान पहचान वाले ने किसी तरह 15 हजार रुपये में मामला तय कर उसे थाने से छुड़ा कर ले गया। अब पुलिस 15 हजार रूपये और वसूलने का दबाव बना रही है।

पुलिस ने युवक को दी थर्ड डिग्री तो हो गई मौत

बहराइच जिले के हुजूरपुर थाने में चोरी के मामले में पूछताछ के दौरान एक युवक को थर्ड डिग्री दिए जाने से उसकी मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर तीन डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमॉर्टम किया। लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक को निलंबित व अपराध निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया है। हुजूरपुर के धुरखी गांव निवासी केशरी सिंह के घर चोरी की वारदात हुई थी।

जानकारी के मुताबिक रामसागर सोनी का 27 साल का बेटा अशोक सोनी केशरी सिंह के यहां नौकर था। पुलिस चोरी की घटना की जांच कर रही थी। इसी मामले में अशोक को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस ने थर्ड डिग्री इस्तेमाल कर चोरी का सच उगलवाने की कोशिश की, जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने अशोक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल भेज दिया। जहां उसकी मौत हो गयी।

थर्ड डिग्री टॉर्चर के चलते पड़ा दिल का दौरा पड़ने से मौत्

मुरादाबाद के बिलारी तहसील में नगर पालिका के संविदा कर्मचारी के ऊपर चोरी के एक मामले के खुलासे के लिये पुलिस ने इतना दबाव बनाया कि उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। नगर पालिका बिलारी में नन्हे लाइनमेंन के तौर पर संविदा कर्मचारी नियुक्त था। उसकी ड्यूटी वहीं बिलारी कस्बे में लगी हुई थी।

सी साल 08 मई को बिलारी के बड़े बीज कारोबारी श्रीकांत गुप्ता के यहां अज्ञात चोरों द्वारा नकदी व जेवर चोरी कर लिए गए थे, जिसमें बीज कारोबारी ने नन्हे व उसके दो अन्य साथियों के ऊपर चोरी करने का शक जताया था, जिस पर पुलिस ने तीनों कर्मचारियों को उठाकर 4 दिन तक थाने में रखकर पुलिसिया अंदाज में थर्ड डिग्री दी थी।

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