UP बना इंटरनेट के बिना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई करने वाला पहला राज्य

Update: 2020-04-25 13:00 GMT

देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने और अपने अधीनस्थ सभी अदालतों के अंतरिम आदेशों को 10 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी एवं देशव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए प्रदेश की अदालतें बंद करने का आदेश 3 मई तक बढा दिया है। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर के आदेश पर महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने सभी जिला जजों व पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।

सके साथ ही देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने और अपने अधीनस्थ सभी अदालतों के अंतरिम आदेशों को 10 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है।

भी तक 27 अप्रैल तक प्रदेश की अदालतें बंद रखने का निर्देश दिया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा 3 मई तक लाक डाउन बढाने के आदेश एवं प्रदेश सरकार के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने 3 मई तक अदालतें बंद रखने का फैसला लिया है। इस दौरान अदालतों में पूर्व में जारी प्रक्रिया के अनुसार केवल अति आवश्यक मुकदमों की सुनवाई होगी।

लाहाबाद उच्च न्यायालय ने सूचित किया है कि 3 मई को लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने तक इसकी अधीनस्थ सभी अदालतें बंद रहेंगी। यह घोषणा राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा उच्च न्यायालय को संबोधित पत्र की पृष्ठभूमि में की गई है, जिसमें लॉकडाउन अवधि की समाप्ति के बाद ही अधीनस्थ अदालतों को खोलने के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है।

19 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने घोषणा की थी कि सभी न्यायालय जो इस हाईकोर्ट के अधीनस्थ हैं और जो न्यायालय इसके अधीन नहीं हैं, वे भी 20 अप्रैल से काम करने के लिए खोले जाएंगे। हालांकि कोविड के कारण मौजूदा असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अधीनस्थ अदालतों को कामकाज के लिए खोलना 27 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था।

यूपी के सभी जिला जजों को संबोधित एक पत्र के माध्यम से, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने अब सूचित किया है "उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह इवाम गोपन विभा के पत्र में लॉकडाउन अवधि की समाप्ति के बाद से ही उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय को खोलने के लिए अनुरोध किया गया है।

देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने और अपने अधीनस्थ सभी अदालतों के अंतरिम आदेशों को 10 मई तक कि लिए आगे बढ़ा दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया। यह भी कहा गया कि बेदख़ली, क़ब्ज़ा हटाने या ढहाने तथा अग्रिम ज़मानत के सभी आदेशों को 15 मई तक के लिए बढ़ाया जाता है।

ह आदेश स्वतः संज्ञान लिए हुए मामले से संबंधित है, ताकि अदालत के दरवाज़े तक नहीं पहुंच पाने के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े। आदेश में कहा गया है कि अगर किसी विशेष अवधि तक के लिए अंतरिम ज़मानत दे दी गई है और अगर इसकी अवधि 3 मई 2020 को या इससे पहले ख़त्म हो रही है तो उसे 15 मई 2020 तक बढ़ाया जाता है।

ह भी कहा गया कि जो अंतरिम आदेश सीमित अवधि के लिए नहीं हैं और जो अग्रिम आदेश तक लागू हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं होगा। इससे पहले हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को 26 अप्रैल 2020 तक के लिए बढ़ा दिया था, पर लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के कारण ने इस आदेश को संशोधित किया है।

त्तर प्रदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुकदमों की सुनवाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यहां की अदालतें आंतरिक कनेक्टिविटी से चलेंगी। इसमें इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट व जिला अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई की जा सकेगी। कोर्ट की कार्यवाही चलाने के लिए उपलब्ध संसाधनों से ही सॉफ्टवेयर तैयार करके गुरुवार 23 अप्रैल को लांच कर दिया गया है।

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