अपने ही देश के अधिकारी पाकिस्तान का दे रहे साथ

Update: 2017-08-07 07:05 GMT

एटीएस ने अपनी छानबीन में खुलासा किया कि राघवेन्द्र पिछले लंबे समय से इस नंबर पर सेना से जुड़ी सूचनाएं पहुंचाता था। संबंधित व्यक्ति कौन है, इसकी जांच चल रही है...

झाँसी, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के झाँसी में देश की दूसरी बड़ी छावनी है, जहां के बारे में एटीएस ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल उठा दिए हैं। यहां के एडीएम आॅफिस से सेना से संबंधित सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पास भेजे जाने की बातें सामने आ रही हैं।

उत्तर प्रदेश एटीएस के मुताबिक एडीएम का स्टेनो राघवेंद्र अहरियार इस मामले में संदिग्ध है, जिसे हिरासत में लेकर 13 घंटे तक पूछताछ की गई। इतना ही नहीं उसके बैंक से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल और उसकी पत्नी के मोबाइल और राघवेंद्र के आॅफिस के कुछ अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज एटीएस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।

इस मामले में नई बात यह है कि जहां आमतौर पर मोबाइल नंबर 10 अंकों का होता है, राघवेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल से एक ऐसा नंबर बरामद किया गया है, जो सिर्फ 9 अंकों का है और वह इसी नंबर पर सूचनाएं देता था। हालांकि एटीएस ने राघवेंद्र को पूछताछ के बाद छोड़ दिया, मगर सवाल अभी भी जहां का तहां है, कि आखिर उसके साथ और कौन शामिल है, जिससे सेना से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेजी जाती थी।

एटीएस ने अपनी छानबीन में खुलासा किया कि राघवेन्द्र पिछले लंबे समय से इस नंबर पर सेना से जुड़ी सूचनाएं पहुंचाता था। संबंधित व्यक्ति कौन है, इसकी जांच चल रही है। पूछताछ में राघवेन्द्र ने बताया कि जिला प्रशासन के एक बड़े अधिकारी के निर्देश वह सूचनाएं उक्त नंबर पर बताता था। उसे निर्देशित किया गया था कि यह नंबर नम्बर सेना के एक अधिकारी का है और वहां तक उसे यहां की सूचनाएं पहुंचानी हैं।

गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने इस मामले का खुलासा 4 अगस्त को किया था कि पिछले लंबे समय से झाँसी के एसडीएम ऑफिस से एक कंप्यूटर के माध्यम से पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को सेना से संबंधित सूचनाएं भेजी जा रही हैं। छानबीन में पता चला कि जिस कंप्यूटर से सूचनाएं बाहर भेजी जाती थीं, एक महीने पहले तक एसडीएम के स्टेनो और अब एडीएम के स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार प्रयोग करता था।

एटीएस आईजी असीम अरुण कहते हैं कि पिछले लंबे टाइम से एसडीएम ऑफिस के इस कंप्यूटर को ट्रेस किया जा रहा था। इस पर काम करने वाले राघवेंद्र पर भी हमारी नजर थी। वह कहते हैं कि झाँसी में देश की दूसरी सबसे बड़ी छावनी है। यहाँ सेना अक्सर फायरिंग रेंज में अभ्यास करती है। सेना में जो भी गतिविधियां होती हैं, उसकी जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचाना अनिवार्य होता है, ताकि जिला प्रशासन आम लोगों को सतर्क कर सके। जिला प्रशासन के आॅफिस से ही सेना की इन्हीं गतिविधियों की जानकारी लीक की जा रही थी। हम जल्द ही असली अपराधी को अपने कब्जे में कर लेंगे।

अपनी जांच के तहत एटीएस ने एसडीएम ऑफिस के कंप्यूटर, पेन ड्राइव को अपने कब्ज़े में ले लिया है। आॅफिस से कुछ अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। इस मामले की छानबीन अभी भी जारी है। इसी के तहत एटीएस ने एडीएम आॅफिस के अन्य 4 लोगों से भी पूछताछ की थी और इसी के तहत राघवेंद्र की पत्नी का मोबाइल, बैंक दस्तावेज समेत कुछ अन्य कागजात उसने अपने कब्जे में लिए हैं।

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