हल्द्वानी में युवा चला रहे 'पॉल्यूशन कन्ट्रोल टीम'

Update: 2018-03-12 15:56 GMT

निगम व ग्राम पंचायतें सफाई की कोई व्यवस्था नहीं कर पाईं तो हल्द्वानी के कुछ जागरूक लोगों ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण का जिम्मा उठा लिया है...

हल्द्वानी से  संजय रावत की रिपोर्ट

पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान में व्यवस्था का अपना वही पारम्परिक तरीका है। जो यथार्थ में कूड़े के बड़े-बड़े ढ़ेरो, मिलों की गन्दगी और फर्जी वृक्षारोपण आदि के रूप में दिखाई देता रहता है।

हल्द्वानी में पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण का हाल ये है कि नगर निगम कूड़ा निस्तारण को 4 बार वेस्ट मैनेजमेंट की डी.पी.आर. बना चुका है ,ये तब है जब अभी इस काम के लिए निगम के पास कोई जमीन ही नहीं है। शहर-गाॅव और अब जिलेभर का कूड़ा हल्द्वानी वन विभाग की जमीन में अवैध रूप से फेंका जा रहा है।

न लोग ही जागरूक हो पाए न निगम और ग्राम पंचायतें कोई व्यवस्था नहीं बना पायी तो शहर के ही कुछ जागरूक लोगों ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण का जिम्मा उठा लिया। अलग-अलग पेशों से जुड़े लोग एक मंच पर आए और उन्होंने खुद 'पाॅल्यूशन कन्ट्रोल टीम' के बैनर तले ही सफाई अभियान शुरू कर दिया।

करीब 15 लोगों की यह टीम सुबह सात बजे से नौ बजे तक शहर के अलग-अलग इलाकों में सफाई करती है और फिर अपने - अपने काम पर चली जाती है। इसमें कुछ आर्मी के सेवानिवृत सैनिक हैं तो कुछ कम्प्यूटर सेल्स, रिप्पेयरिंग से, कुछ मेडिकल फील्ड से है तो कुछ कोंचिग फील्ड से।

शहर में ये पाॅल्यूशन कन्ट्रोल टीम अपने खर्च पर सफाई का बीड़ा उठाए हुए है।  जिसमें से आज हमारी मुलाकात क्रमशः शंकर सिंह भण्डारी, आनन्द सिह भण्डारी, दया बजेठा और योगेश जोशी से हुई।  हमारे यह पूछने पर कि ये काम तो नगर प्रशासन की इकाईयों का है जिसके लिए जनता से कर वसूला जाता है।

तो टीम के मेम्बरान का कहना था कि जागरूकता अभियान का हिस्सा मात्र है। व्यवस्था चाक-चौबंद होती तो हम शहर भर क्यों भटकते। हां जनता को देखा देखी समझने करने का पारम्परिक रिवाज अब भी मौजूद है। इसीलिए हमारी टीम में रोज हर वर्ग के लोग जुड़ रहे है। मुहिम रंग लायी तो लोग एकजुट होकर अधिकारों के लिए लड़ेंगे भी।

Similar News