यह कोई समुद्री किनारा नहीं, योगी जी का लखनऊ है

Update: 2017-07-02 00:12 GMT

पत्रकारिता को चरण—चाटन के लिए रिजर्व्ड कर चुकी सरकारों में योगी सरकार का स्थान नंबर वन है। एक दिन पहले की ही प्रेस कांफ्रेंस में कोई एक पत्रकार योगी जी से नहीं पूछ पाया कि बारिश में जो मनोरम नजारा सड़कों पर बनेगा, उसका सरकार ने क्या इंतजाम किया है...

जनज्वार, लखनऊ। दो दिन पहले करीब 20 मिनट की प्रेस कांफ्रेंस करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 पेज की एक बुकलेट जारी की, जिसमें सफलता के 100 दिन पूरे होने पर दर्जनों योजनाएं गिनाईं गयीं। मंत्रिमंडल के चुनिंदा मंत्रियों के साथ सैकड़ों पत्रकारों के बीच बोलते हुए योगी जी ने बताया कि मात्र 100 दिन के भीतर उन्होंने कितने कमाल के काम किए हैं।

पर एक ही दिन बाद लखनऊ में आज हुई जोरदार बारिश ने उनके कमाल के काम की हवा निकाल दी। लखनऊ के डॉलीगंज चौराहे पर इस कदर पानी भरा कि आधी बस पानी में डूब गयी। डूबी बस में से यात्रियों को निकलने के लिए सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ा, जिसको देखकर ऐसा लग रहा था कि बस किसी समुद्री और तूफानी इलाके से गुजर रही हो।

ऐसे में 27 जून को पत्रकारों के सवालों पर 'नाश्ता करिए' बोलकर चले गए योगी जी के सामने जो सवाल पेड पत्रकारिता नहीं उठा पाई, उसको उनके किए कामों और इंतजामातों ने ही उठा दिए।

समुद्री इलाका और बाढ़ग्रस्त जोन में बदला लखनऊ का डॉलीगंज चौराहा चीख—चीख कह रहा है कि काम सिर्फ जुबान और कागजों पर हुए हैं, और यह सरकार भी पुरानी सरकार की जनता को अनवरत उल्लू बनाने के काम जुटी हुई है।

भरोसा न हो तो फोटो देखकर, फोटो की तस्दीक रिश्तेदारों—मित्रों से करके, योगी जी को वाट्सअप कर दें! हो सकता है योगी जी दैवशक्ति से उसे सोख लें। वैसे भी यह सरकार कर्म पर कम धर्म पर ज्यादा भरोसा करती है।

तस्वीरें — राज मिश्रा, लखनऊ

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