बीजेपी अध्यक्ष बोले, जब BJP मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है

Update: 2018-11-16 06:23 GMT

टीएमसी विधायक का नाम लिए बिना हमलावर होते हुए बोले बीजेपी अध्यक्ष, अस्पताल से आने के बाद तो फिर हम उठ खड़े होंगे लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब हम किसी की पिटाई करते हैं तो वो अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है...

विवादों और भाजपा नेताओं का जैसे चोली—दामन का साथ हो गया है। आए दिन तमाम भाजपाई ऐसे—ऐसे बयान देते रहते हैं, जो विवाद पैदा करते हैं। ताजा मामला जुड़ा है भाजपा के बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष से, उनके बिगड़े बोल बीजेपी की कार्यशैली की तरफ भी इशारा करते हैं।

हाल ही में दुर्गापुर शहर के उखड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बयान दिया कि हमारी पार्टी जब किसी को मारती है तो वह अस्पताल नहीं सीधे श्मशान पहुंच जाता है। हम मारेंगे यहां लेकिन लाश यहां-वहां गिरेगा।

एबीपी न्यूज में छपी खबर के मुताबिक टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी के बीजेपी नेताओं को लेकर दिए गए एक बयान के बाद दिलीप घोष ने उन पर बिना नाम लिए यह पलटवार किया है।

दिलीप घोष ने स्थानीय विधायक जितेंद्र तिवारी का नाम लिए बिना उस बयान का हवाला दिया, जिसमें जितेंद्र तिवारी ने कहा था कि वे इस तरह से पिटाई करेंगे कि हमें 6 महीने तक अस्पताल में रहना पड़ेगा। इसी पर पलटवार करते हुए दिलीप घोष ने कहा, 'अस्पताल से आने के बाद तो फिर हम उठ खड़े होंगे लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब हम किसी की पिटाई करते हैं तो वो अस्पताल नही सीधे श्मशान पहुंच जाता है।'

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिलीप घोष ने बीजेपी के नेताओं के साथ मिलकर दुर्गापुर में एक जनसभा आयोजित की थी। यह भी गौर करने वाली बात है कि जनसभा की अनुमति प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई थी। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और सिविक वॉलिंटियर के बीच मारपीट भी हुई थी। इसी के बाद स्थानीय टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी का बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वे दोबारा पश्चिम बर्दवान जिले में आकर इस तरह की हरकत करने की कोशिश करते हैं तो इस तरह से पिटाई की जाएगी कि कम से कम 6 महीने तक अस्पताल में पड़े रहेंगे।

पहले भी बंगाल बीजेपी अध्यक्ष अपने भड़काने वाले और विवादित भाषणों के लिए चर्चा में आते रहते हैं। उन पर एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है। ​कुछ महीने पहले बंगाल पुलिस ने जलपाईगुड़ी में जिला अधिकारी के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान घोष के दिए भाषण का स्वत: संज्ञान लेते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 143/186/188/506 के तहत दिलीप घोष पर केस दर्ज किया था।

तब घोष ने कहा था कि 'हमारे सब्र की भी कोई सीमा है। हमने कोई बॉन्ड लिखकर नहीं दिया है कि जो हम पर हमला करेगा हम उसे मुफ्त रसगुल्ले खिलाएंगे। उन्हें बम के बदले बम से जवाब दिया जाएगा, गोली के बदले गोली और हर लाठी के बदले लाठी। टीएमसी के दादा जो यहां गुंडागर्दी कर रहे हैं, मैं उनसे कहता हूं, वो दिन ज्यादा दूर नहीं है जब तुम या तो जेल जाओगे या सीधे एनकाउंटर में मारे जाओगे। गब्बर सिंह की तरह साथ ही गोलियां और लाशें भी गिनी जाएंगी। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।'

जनाधार बढ़ाने के मद्देनजर बंगाल में भाजपा समेत सभी पार्टियों ने एड़ी—चोटी का जोर लगाया हुआ है। राज्य में 42 लोकसभा सीटें हैं और यहां से बीजेपी के मात्र 2 सासंद हैं, जबकि 34 सीटों पर टीएमसी के सांसद हैं।

295 विधानसभा सदस्यों वाले बंगाल में टीएमसी के 213 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 42 तो सीपीएम के 26 विधायक हैं और बीजेपी के पास 3 विधानसभा सीटें हैं।

पहले ही बंगाल बीजेपी अध्यक्ष अपने भड़काने वाले और विवादित भाषणों के लिए चर्चा में आते रहते हैं। उन पर एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है।

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