अखिलेश यादव के सवालों से योगी सरकार की बंधी घिघ्घी, मांगा किसानों की कर्जमाफी का ब्यौरा

Update: 2018-02-17 17:50 GMT

पूंजीपतियों की लूट के लिए एक के बाद एक लाल कालीन बिछा रही भाजपा सरकार की किसानों, मजदूरों और नौजवानों को लेकर पूछे जाने वालों पर सांस अटक जा रही है, कुछ ऐसा ही हाल हुआ है अखिलेश यादव के सवाल के बाद भी....

जनज्वार, लखनऊ। किसान और जवान के नाम पर देश के साथ छल—कपट कर रही भाजपा की केंद्र और यूपी की राज्य सरकार केवल थोथे दावे कर रही है। यूपी के मौजूदा विधानसभा सत्र में जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूछा कि कितने किसानों के कर्ज भाजपा सरकार ने माफ किया है, उनकी संख्या बताए और रिकॉर्ड दे तो यूपी सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई। 

केन्द्र और राज्य सरकारों की बजट पेश करने के बाद यूपी सरकार से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो टूक सवाल पूछे। पूछा कि योगी सरकार बताए कि कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ है। उन्होंने पंजाब नेशलन बैंक के ताजातरीन घोटाले पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब तो किसानों को कागज की पर्ची लेकर बैंक जाना चाहिए और भुगतान लेना चाहिए। 

गौरतलब है कि सरकारी आंकड़ो के अनुसार पिछले 15 वर्षों में 2 लाख 70 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। अकेले 2015 में 3 हजार किसानों ने कर्ज कारण आत्महत्या की। मरने वाले किसानों में बहुतायत का कर्ज 2 लाख से कम था। और मोदी राज में हालत यह है कि एक ही जालसाज 11 हजार करोड़ रुपया लेकर फरार हो जाता है और सरकार चुपचाप परिवार समेत जाने देती है। 

आगामी 21 व 22 फरवरी को लखनउ में निवेश सम्मेलन होने जा रहा है। निवेश सम्मेलन पर  अखिलेश ने कहा, 'निवेश करने वाले बहुत समझदार होते हैं। वह हर प्रदेश में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में जाते हैं, लेकिन निवेश वहीं करते हैं जहां उन्हें निवेश लायक उपयुक्त माहौल मिलता है। और यूपी में ऐसा माहौल है इसमें संदेह है।'

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