योगी सरकार की अव्यावहारिक नीतियों के चलते प्रदेश भर में गौवंश के आवारा जानवरों की बाढ़ सी आई हुई है, जो झुंड के झुंड जिधर से गुजरते हैं खड़ी फसलों को चरकर बैठा देते हैं....
सुशील मानव की रिपोर्ट
जनज्वार। माफ कीजिए, लेकिन आप लोगों ने गलत सरकार चुन ली है। आप लोगों ने एक ऐसे व्यक्ति को अपना मुखिया बना लिया है, जिसकी नजर में जानवरों का दर्जो इंसानों से ऊपर है। वो प्रेम करने वालों के पीछे बजरंग दल और हिंदू युवा वाहिनी के गुंडे छोड़ देता है और चिन्मयानंद जैसे आरोपी के केस हटाकर बलात्कार को संरक्षण देता है।
आप लोगों ने एक ऐसे व्यक्ति को अपना मुखिया चुन लिया है जिसे लिंचिंग में मारे गये इंस्पेक्टर के हत्यारों को पकड़ने से ज्यादा गाय काटने वालों को पकड़ने में दिलचस्पी है! जो गौ टैक्स लगाकर जनता का तेल निकालता है, जिसके राज में जनता के स्वास्थ्य विभाग की बजट में कटौती करके गौ अस्पताल बनवाये जाते हैं, गौ एंबुलेंस चलवाए जाते हैं और लोग सड़कों पर मरते हैं। गर्भवती औरतें बिना एंबुलेंस के ठेलोंं पर लादकर अस्पपताल पहुंचायी जाती हैं। आपके मुखिया को बस नाम बदलने में महारत हासिल है।
उसने जैसे ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया, जिले की सूरत यूं बदली कि स्कूलों में जानवर रहने लगे और स्कूली बच्चे ठंड के मौसम में खुल्ले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ने को बाध्य हो गये।
मामला उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के भादीवर गांव का है, जहां आवारा पशुओं द्वारा खड़ी फसल के चर लेने से गुस्साये लोगों ने 100 से अधिक आवारा गायों को गांव के प्राइमरी स्कूल में बंद कर दिया और लाठी डंडा लेकर स्कूल के गेट के बाहर खड़े हो गये।
इसके चलते छात्रों को स्कूल में क्लास लेने की जगह बाहर ठंड में पढ़ने को मजबूर होना पड़ा। मामले में बारा के एसडीएम डीएस पाठक ने बताया कि बीते कई महीनों से अवारा पशुओं द्वारा फसल बर्बाद होने से किसान खासे नाराज थे और प्रशासन की ओर से कोई समुचित कदम न उठाये जाने के प्रतिरोध में गुस्साये किसानों ने आवास पशुओं को स्कूल परिसर में बंद कर दिया।
गौरतलब है कि योगी सरकार की अव्यावहारिक नीतियों के चलते प्रदेश भर में गौवंश के आवारा जानवरों की बाढ़ सी आई हुई है, जो झुंड के झुंड जिधर से गुजरते हैं खड़ी फसलों को चरकर बैठा देते हैं।
वहीं इस मामले में जिला न्यायाधीश सुहास एलवाई का कहना है कि जिन लोगों ने पशुओं को स्कूल परिसर में बंद किया, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अजीब दादगीरी है भाई आप आवारा पशुओं का कोई इंतजाम नहीं करते और जब गुस्साये लोग कोई कदम उठाते हैं तो आप उन पर कानून का डंडा फटकारते हो।
गौर करने वाली बात यह भी है कि भादीवर गांव और इसके आसपास के निवासी पिछले कुछ महीने ने आवारा पशुओं की वजह से हो रहे नुकसान से परेशान हैं। तहसील अधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठाने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने करीब 100 गायों को स्कूल परिसर में बंद कर दिया।