बीजेपी एमएलए द्वारा बलत्कृत महिला के पिता की संदिग्ध हालत में मौत, कल किया था योगी आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास

Update: 2018-04-09 12:13 GMT

बार—बार पुलिस थाने का दरवाजा खटखटा चुकी महिला ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश इसलिए कि क्योंकि बलात्कार आरोपी के भाजपा एमएलए होने के नाते पुलिस नहीं कर रही थी किसी भी तरह की कार्रवाई...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आवास के सामने रविवार, 8 अप्रैल को उन्नाव की रहने वाली एक महिला ने परिवार के साथ आत्मदाह की कोशिश की। महिला का आरोप है कि उसका पिछले वर्ष बीजेपी विधायक ने बलात्कार किया, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

बार—बार पुलिस थाने का दरवाजा खटखटा चुकी महिला ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश इसलिए कि क्योंकि बलात्कार के आरोपी के भाजपा विधायक होने के नाते पुलिस किसी भी तरह की कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। आज संदिग्ध परिस्थितियों में पीड़ित महिला के पिता की जेल में मौत जरूर हो गई है। 

पीड़ित महिला और उसके परिजनों का कहना है कि यूपी के उन्नाव जिले के विधायक कुलदीप सिंह सैंगर और उसके भाई ने पिछले साल जून में उसके साथ बलात्कार किया था। पूर्व में कुलदीप सिंह सेंगर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ भी राजनीतिक पारी खेल चुके हैं।

पीड़ित युवती का आरोप है कि मेरे साथ हुए एमएलए और उसके भाई द्वारा किए गए बलात्कार मामले पर एफआईआर दर्ज करवाने के बाद मुझे और मेरे परिजनों को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। गौरतलब है कि विधायक और उसके भाई पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला पहले भी इस मामले में ठोस कदम उठाए जाने और उसे न्याय दिए जाने की मांग कर चुकी है।

पीड़ित महिला ने कहा कि “मेरे साथ बलात्कार हुआ। एक साल से न्याय के लिए मैं और मेरा परिवार न्याय की गुहार लगा रहे हैं, मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर योगी पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगी।'

पीड़ित महिला के मुताबिक वह इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के पास भी गई थीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकाला। उल्टा एफआईआर दर्ज कराने पर भी धमकी दी गई थी।'

जब महिला ने सीएम योगी आवास के सामने परिजनों के साथ आत्मदाह की कोशिश करने के बाद इस मामले की जांच लखनऊ ट्रांसफर कर दी गई है। इस मसले पर लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव कृष्ण ने बताया कि बीजेपी विधायक द्वारा बलात्कार के मामले को लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया है। जांच के बाद ही युवती द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि होगी।

हालांकि दूसरी तरफ बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर खुद और अपने भाई पर लगे बलात्कार के आरोपों से इंकार करते रहे।

पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में हमें पिछले 10—12 वर्षों से दोनों पक्षों के बीच झगड़ा होने का पता चला है।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पीड़िता की दादी का आरोप है कि विधायक ने शशी सिंह नाम की महिला के सहयोग से दुष्कर्म किया था। जब पीड़िता की मां ने विधायक व शशी के खिलाफ कोर्ट में केस के लिए आवेदन किया, तभी से दबाव बनाया जाने लगा था। तीन अप्रैल को पीड़िता का पिता गांव पहुंचा तो उस पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। जब विरोध किया तो विधायक के भाई जयदीप उर्फ अतुल सिंह, प्रशांत सिंह, बउवासिंह, विनीत, सोनू सिंह, अरुण सिंह सहित दर्जनों लोगों ने उस पर हमला बोल दिया। पीड़िता के पिता को पेड़ से बांधकर पिटाई की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल होने के बाद भी पुलिस ने उसे विधायक के दबाव में जेल भेज दिया। वह उस मामले में अभी जेल में ही था, अब वहीं उसकी मौत हो गई।

इसका विरोध करने जब परिवार की महिलाएं विधायक के आवास पर पहुंची तो उनके साथ बदसलूकी की गई। पुलिस ने वापस भेज दिया। जब कहीं आवाज नहीं सुनी गई तो कल पीड़ित महिला समेत उसका पूरा परिवार इस मामले में जांच किए जाने का दबाव बनाने के लिए सीएम आवास के बाहर बैठा था।

आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सफाई में कहते हैं, मुझ पर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। ये सब कुछ प्री-प्लान था। इनके घर में एक घटना हुई थी लेकिन इन लोगों ने कुछ निर्दोषों को फंसाया था। हालांकि, पुलिस ने उसे बचा लिया। जिस महिला ने मुझ पर आरोप लगाया है, उसका और उसके परिवार का सोचना है कि मैंने ही निर्दोषों को बचाने में मदद की इसलिए इन लोगों ने मुझे बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

अब इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर और ज्यादा इसलिए संदेह के घेरे में आ गए हैं कि राज्य में भाजपा सत्तासीन है और वह भाजपा से ही विधायक हैं। ऐसी परिस्थितियों में पीड़िता के पिता की जेल में ही मौत से शक की सुई उन्हीं की तरफ घूम रही है।

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