शिवराज सरकार में मंदसौर में मारे गये 6 किसानों की आज तीसरी बरसी, दोषी पुलिसकर्मियों को अभी तक नहीं मिली सजा

मंदसौर में किसानों पर गोली बरसाने वाले पुलिसकर्मियों पर ना तो अब तक हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और ना ही किसानों पर लादे गये फर्जी मुकदमों का खात्मा ही किया गया...

Update: 2020-06-06 15:01 GMT

इंदौर, जनज्वार। 3 साल पूर्व 6 जून को शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते मंदसौर में चल रहे किसान आंदोलन पर पुलिस ने बर्बर तरीके से गोली चलाई थी और 6 किसानों की मौत हुई थी। आज तक उन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

खिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आवाहन पर आज 6 जून को शहीद किसानों की याद में शहीद किसान स्मृति दिवस मनाया गया। मध्य प्रदेश में भी किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश के अधिकांश जिलों में कलेक्टरों, संभागायुक्त या अन्य अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।

इंदौर में किसान संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष और मालवा निमाड़ के प्रभारी रामस्वरूप मंत्री के नेतृत्व में सहायक संभाग आयुक्त सोलंकी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रुप से छेदी लाल यादव, भरत सिंह यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, रामकिशन मौर्या, जयप्रकाश गुगरी, शेर सिंह यादव सहित कई कार्यकर्ता शरीक थे।

ज्ञापन में 3 वर्ष पहले मंदसौर में 6 किसानों की हत्या के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, किसानों पर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस लेने, किसानों की कर्जा मुक्ति और लाभकारी मूल्य की गारंटी देने, लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की गई।


ज्ञापन पीतमपुर, धार, देवास, बेतूल, मुलताई, महू, झाबुआ, उज्जैन, बालाघाट, ग्वालियर, रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित कई जिलों में दिए गए।

ज्ञापन में कहा गया है कि आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को उम्मीद थी कि किसानों की कर्जा मुक्ति होगी तथा फसलों के पूरे दाम मिलेंगे, लेकिन न तो किसानों की कर्जा मुक्ति हुई न ही किसानों को फसल का पूरा दाम मिला। कांग्रेस की सरकार ने 2 लाख रुपये की कर्जा माफी के वायदे को पूरा नहीं किया, जिसके चलते बड़े पैमाने पर किसान बैकों द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिये गये।

ज्ञापन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा गया है, आपसे उम्मीद थी कि आप डिफाल्टर किसानों को भी खाद, बीज बिना ब्याज के दिलाने का प्रयास करेंगे, लेकिन इस सम्बंध में अभी तक कोई निर्णय न होने के कारण किसान चिंतित और परेशान है।

किसान संघर्ष समिति ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा किये गये मण्डी संशोधन के चलते किसानों की लूट और बढ़ गई है। 2100 रूपये क्विंटल की गेंहू की खरीद पर अमल नहीं हुआ है। व्यापारियों ने 1500 से 1700 रूपये क्विंटल पर खरीद की है। मंडियों में भी समर्थन मूल्य पर किसानों का पूरा गेंहू नही खरीदा गया है। मक्का पैदा करने वाले किसानों की हालत बहुत ही खराब है।

1760 रूपये क्विंटल समर्थन मूल्य होने के बावजूद 900 रुपये क्विंटल पर व्यापारियों द्वारा मक्के की खरीदी गांव-गांव में की जा रही है। सबकुछ शिवराज सिंह सरकार की जानकारी में होने के बाद भी मौन है एवं व्यापरियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। जिन किसानों की फसलें खराब हुई थीं, उनको भी फसल बीमा का पैसा नहीं मिला है। टिड्डी पीड़ित किसानों के प्रकरण भी अब तक सर्वे के बाद तैयार नहीं हुए हैं।

मंदसौर पुलिस गोली चालन में शहीद किसानों की 6 जून को तीसरी बरसी है, लेकिन गोली चालन करने वाले पुलिसकर्मियों पर ना तो हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और ना ही किसानों पर लादे गये फर्जी मुकदमों का खात्मा किया गया है। मंदसौर के 6 शहीद किसानों का स्मारक भी नहीं बना है।

मंदसौर के किसानों ने कर्जा मुक्ति एवं पूरे दाम सहित जिन समस्याओं को लेकर आन्दोलन किया था, उनका निराकरण भी नहीं हुआ है। किसानों के दूध का दाम घटाकर के सरकार ने किसानों की कमर तोड़ दी है। लाॅकडाउन के दौरान किसानों को सब्जी के सड़ जाने की भरपाई भी सरकार ने नहीं की है।

खिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले मंदसौर शहीद किसान स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री के नाम यह ज्ञापन सौंपा गया। आज से पूरे देश में कर्जा मुक्ति पूरा दाम अभियान चलाया जा रहा है।

ज्ञापन में मांग की गई है कि मंदसौर तथा मुलताई में अवैध पुलिस गोली चालन में शहीद हुए किसानों को शहीद का दर्जा दो तथा उनकी स्मृति में स्मारक बनाओ। किसानों पर लादे गये सभी फर्जी मुकदमे वापस लो तथा खात्मा दर्ज करो। किसानों पर गोली चालन करने वाले पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करो।

न आंदोलनों पर गोली चलान पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये कानून बनाया जाये। प्रत्येक किसान परिवार, खेत मजदूर को 10000/- रुपये मासिक पेंशन किसान सम्मान निधि से दी जाये। किसानों द्वारा उत्पादित सभी फसलों का समर्थन मूल्य (लागत से ढेड़ गुना) तय कर खरीदी सुनिश्चित की जाये।

र ग्राम पंचायत में कृषि उत्पाद सुरक्षित रखने हेतु भण्डारण की व्यवस्था की जाये। हर ग्राम में फूड प्रोसेसिंग युनिट की स्थापना हो। किसान को कर्जा मुक्त किया जाये। खेती योग्य जमीन के अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगायी जाये। दूध उत्पादक किसानों को 10 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाये।

नरेगा में 200 दिन का काम दिया जाये और 500 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी तय की जाये। प्रवासी मजदूरों को लाॅकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 25,000 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाये। प्रवासी मजदूरों सम्बन्धी उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के सभी फैसलों का पालन किया जाये, साथ ही प्रदेश के किसानों के सभी बिजली के बिल माफ करो।

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