UP के पूर्व मंत्री पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने मारी पलटी, कहा गायत्री प्रजापति मेरे पिता समान

  • रेप का आरोप लगाने वाली महिला अब बोली अपराधी राम सिंह को गो सेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह सपोर्ट कर रहे हैं, योगी के दर्जा प्राप्त मंत्री आरोपियों का साथ दे रहे हैं, उनकी सरकार को बदनाम कर रहे हैं, पुलिस दिनेश चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, उल्टा मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा दिया...

Update: 2020-09-13 06:15 GMT

जनज्वार। समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया था, मगर उन्हें जेल पहुंचाने वाली महिला अब अपने बयान से मुकर गयी है। गायत्री प्रसाद प्रजा​पति को दुष्कर्मी बताने वाली महिला ने अब बयान दिया है कि वह उनके पिता समान हैं। महिला ने कहा कि गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ उसका रिश्ता पिता और बेटी जैसा है, इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नार्को टेस्ट करवाएं।

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोर्ट द्वारा 14 दिन के लिए जेल भेज दिया था। इसको लेकर महिला की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया है।

वीडियो जारी कर सीएम योगी से गायत्री प्रजापति पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने अपील की है कि अधिवक्ता राम सिंह मुख्य आरोपी है, उसकी जांच की जाए। मुझ पर दबाव बनाकर गायत्री प्रसाद प्रजापति पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था। वही गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर लिखवा रहा है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चहिए. इसके विपरीत वह एफआईआर लिखवा रहा है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस मामले में ट्वीस्ट यह भी है कि गायत्री प्रजापति से करोड़ों की संपत्ति पाने के बाद महिला ने अपने कथित पति राम सिंह पर ब्लैकमेलिंग और रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया था।

पुलिस ने इस मामले में कहा था कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला को गायत्री की ओर से मकान और प्लॉट दिया गया था, जिसके बाद उसने अपना बयान बदला है।

घटनाक्रम के मुताबिक चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने साल 2016 में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि न सिर्फ मेरा बल्कि गायत्री प्रजापति ने मेरी बेटी के साथ भी दुष्कर्म किया। इसी शिकायत के आधार पर गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

तब तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने रेप का आरोप लगने के बाद गायत्री प्रजापति को मंत्री के पद से हटा दिया गया था। वह तभी से जेल में बंद थे। हाल ही में उन्हें जेल के रिहा किया गया था, लेकिन एक हफ्ते बाद पुलिस ने उन्हें एक अन्य मामले में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। 

उसके बाद 27 दिसंबर 2019 को महिला ने राजधानी के गौतमपल्ली थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उसने राम सिंह, वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया था। इस एफआईआर पर कुछ दिन पहले राम सिंह राजपूत नाम के एक आरोपी को जेल भेजा गया। रेप का आरोप लगाने के बाद गायत्री को पिता समान बताने वाली महिला ने पुलिस के पास बयान दर्ज कराया कि राम सिंह ने खनन पट्टा न मिलने पर मेरे माध्यम से गायत्री प्रजापति पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था।

अपने बयान में महिला ने कहा है कि 'यह सब मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है। पहले मंत्री जी गायत्री प्रजापति के खिलाफ षडयंत्र रचा गया था। मैंने कोर्ट में सच बोला कि मेरे मंत्री जी के साथ पिता और बेटी का रिश्ता है। षडयंत्रकारियों ने गायत्री प्रजापति की फंसाया है। उस अपराधी राम सिंह को गो सेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह सपॉर्ट कर रहे हैं। योगी के दर्जा प्राप्त मंत्री आरोपियों का साथ दे रहे हैं। उनकी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। पुलिस दिनेश चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, उल्टा मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।'

वहीं इस मामले में गुरुवार 10 सितंबर को सामने आए वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने महिला पर आरोप लगाया कि प्रजापति ने महिला को खरीद लिया है इसलिए उसने बयान बदला। महिला को गायत्री प्रजापति ने करोड़ों की जमीन देकर मुकदमा वापस कराया है। साथ ही यह भी कहा कि पहले रेप का आरोप लगाकर कोर्ट में अपने आरोपों से मुकरने वाली महिला ने मुझ पर और राम सिंह पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। मुझसे इस मामले में पैरवी न करने के लिए कहा गया और न मानने पर जान से मरवा देने की धमकी भी दी गई थी।

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