7 केंद्रीय मंत्रियों को मिला UP 2022 जिताने का जिम्मा, अनुराग ठाकुर-धर्मेंद्र प्रधान सहित ये भी नाम शामिल

सभी दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम जामा पहनाना शुरू कर दिया है। 2022 चुनाव में मुख्य लड़ाई सपा व भाजपा के बीच मानी जा रही है, लेकिन बसपा भी मुकाबले में होने का लगातार दावा कर रही है...

Update: 2021-09-08 08:11 GMT

(योगी को यूपी जिताने के लिए 7 केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी)

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) के आगामी 2022 चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रभारी व सह प्रभारी घोषित कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्रीय आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का चुनाव प्रभारी बनाकर अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रधान के अलावा इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुनराम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राज्स सभा सदस्य सरोज पांडेय व विवेक ठाकुर के नाम हैं, जिन्हें सह प्रभारी की भूमिका प्रदान की गई है।

इसके अलावा कई क्षेत्रों के लिए प्रभारियों की घोषणा की गई है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी लोकसभा सांसद संजय भाटिया, बिहार से विधायक संजीव चौरसिया को बृज क्षेत्र का प्रभारी, अवध क्षेत्र का प्रभारी राष्ट्रीय मंत्री सत्या कुमार, कानपुर का प्रभारी राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष सुधीर गुप्ता, गोरखपुर का प्रभारी राष्ट्रीय मंत्री अरविंद मेनन को व काशी क्षेत्र का सह प्रभारी सुनील ओझा बनाए गये है।

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बता दें कि यूपी चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम जामा पहनाना शुरू कर दिया है। 2022 चुनाव में मुख्य लड़ाई सपा व भाजपा के बीच मानी जा रही है, लेकिन बसपा भी मुकाबले में होने का लगातार दावा कर रही है।

यूपी विधानसभा का यह चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव के नजरिये से भी महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। कहा जा रहा है कि अगर भाजपा यूपी चुनाव जीतने में कामयाब रही तो 2024 में भी जीत की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। हालांकि, किसान आंदोलन भाजपा के लिए बड़ा रोड़ा बनता जा रहा है।

मुजफ्फरनगर महापंचायत में लाखों किसानों की मौजूदगी ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि, योगी सरकार की तरफ से किसानों को अपने पाले में लाने की कोशिशें जारी हैं। योगी सरकार का दावा है कि इस सरकार में जितना किसानों के लिए किया गया है उतना किसी भी सरकार में नहीं किया गया है।

वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी देने के लिए अड़े हुए हैं। हालिया जानकारी के मुताबिक किसानों में हरियाणा के करनाल में अपना तंबू गाड़ दिया है। हरियाणा में भाजपा की ही खट्टर सरकार है।

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