'प्रशासन गुंडों के साथ खड़ा है, सब सीएम के इशारे पर हुआ, जनता चुनाव में सिखायेगी सबक'- चुनावी हिंसा पर बरसे अखिलेश
8 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन को लेकर पूरे राज्य से परेशान करनेवाली तस्वीरें सामने आयी, कई जगहों पर धांधली, मारपीट, फायरिंग हुई, महिला के साथ दुर्व्यवहार, बीजेपी-सपा समर्थकों के बीच जमकर बवाल हुआ
लखनऊ जनज्वार। उत्तर प्रदेश में सुशासन और कानून का राज होने का दावा करनेवाली योगी सरकार की पोल गुरुवार 8 जुलाई को हुई हिंसा ने खोल कर रख दी। राज्य में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के नामांकन में कई जिलों से हिंसा की खबरें आयी। सारी मर्यादाओं को ताक पर रखकर महिला के साथ अभद्रता की गयी। कहीं फायरिंग हुई, कहीं मारपीट। राज्य के 16 जिलों से नामांकन के दौरान हिंसा की खबर है। अब इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार में गुंडों को खुली छूट मिल रखी है। प्रशासन गुंडों के साथ खड़ा है। वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने पूरी हिंसा को लेकर कहा कि चुनाव के दौरान सत्ता, धनबल का दुरुपयोग किया जा रहा है, ये हिंसा सपा के शासन की याद दिलाता है।
मुख्यमंत्री के इशारे पर गुंडागर्दी- अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को भारतीय जनता पार्टी ने बंधक बना लिया है। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा किया जाना लोकतंत्र का उपहास है। सत्ताधारी बीजेपी सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रही है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही।
पूर्व सीएम ने सवाल किया कि आखिर कौन से लोग हैं जो हिम्मत बढ़ा रहे हैं, जो गुंडों के बल पर नामांकन नहीं करने दे रहे हैं? प्रयागराज की घटना पर बोलते हुए कहा कि पूरे परिवार के साथ हम खड़े हैं, चाल-चरित्र-चेहरे की बात करने वाली बीजेपी का नकाब नहीं उतर गया। महिला के पर्स जो चोरी हुआ है, अपमान किया गया है। यह जो पूरा का पूरा हुआ यह मुख्यमंत्री जी के इशारे पर हुआ है। मुख्यमंत्रीजी उत्तर प्रदेश में कुछ गुंडों को बढ़ावा दे रहे हैं। आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता इनको सबक सिखाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा, मैंने माता प्रसाद पांडेय से बात की। उन्हें अपमानित किया गया। वो नामांकन भी नहीं कर पाए। समाजवादी पार्टी ने काम करके दिखाया है। लेकिन भाजपा के मुख्यमंत्री के पास काम बताने के लिए कुछ नहीं है, केवल अपनी ताकत से गिनती बढ़ाना चाहते हैं। जनता ने जिला पंचायत हरा दिया। अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हिंसा, गुंजागर्दी को लेकर 11 जुलाई को समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी। कार्यकर्ता राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपेंगे। सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा।
मायावती ने कहा- याद आया सपा का शासनकाल
इधर बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस हिंसा पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी और सपा दोनों पर निशाना साधा। सोशल मीडिया के जरिए सपा के शासनकाल को जिक्र करते हुए उन्होंने योगी सरकार पर हमला किया।
उन्होंने लिखा, यूपी पंचायत चुनाव में भाजपा द्वारा पहले जिला पंचायत अध्यक्ष व अब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान भी सत्ता व धनबल का घोर दुरुपयोग व हिंसा आदि जो हो रही है वह सपा शासन की ऐसी अनेकों यादें ताजा कराता है। इसीलिए बीएसपी ने इन दोनों अप्रत्यक्ष चुनावों को नहीं लड़ने का फैसला लिया।
साथ ही अपने दूसरे ट्वीट के जरिये सपा की निष्क्रियता पर सवाल उठाये। उन्होंने लिखा,अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है तब भाजपा सरकार के विरूद्ध सपा जो जुबानी विरोध व आक्रामकता दिखा रही है वह घोर छलावा व अविश्वसनीय, क्योंकि इन्हीं सब सत्ता के दुरुपयोग व हर कीमत पर चुनाव जीतने आदि के लिए सपा का पूरा शासनकाल काफी चर्चाओं में रहा। जनता कुछ भी नहीं भूली।
सपा ने की राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत
नामाकंन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व पूर्व एमएलसी रामवृक्ष यादव ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन में सपा प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करने से रोके जाने का मामला रखा। सपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए नामांकन करने से रोकने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सपा ने आरोप लगाया कि योगी सरकार के दबाव में सत्ता पक्ष के प्रत्याशियों को अवैध तरीका अपनाकर विजयी बनाया गया। पुलिस-प्रशासन से मिलकर बीजेपी के लोगों ने सपा के पर्चे फाड़े, समर्थकों से मारपीट की और उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका गया। दर्जनों ब्लॉक्स में प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने नहीं दिया गया। जहां नामांकन से रोका गया है वहां फिर से नामांकन कराया जाये।
नामांकन के दौरान 16 जिलों में हिंसा
यूपी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर गुरुवार को सभी जिलों में प्रत्याशियों ने नॉमिनेशन दाखिल किये। इस दौरान राज्य में कई जगह हिंसा की घटनाएं, झड़प, लाठीचार्ज, फायरिंग देखने को मिली हैं। कहीं नोमिनशन से पहले प्रत्याशी के अपहरण को लेकर बवाल मचा, कहीं पर्चा छीन कर फाड़ने की बात सामने आई है। यूपी के 16 जिलों से हिंसा की खबर है। इस दौरान कन्नौज, सीतापुर, बुलंदशहर, पीलीभीत, झांसी, उन्नाव, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, संभल, चित्रकूट, जालौन, फतेहपुर, एटा, अंबेडकर नगर, महराजगंज में अराजकता, गुंडा-गर्दी, फायरिंग और लूटपाट की घटना हुई। कई जिलों में बीजेपी औऱ सपा के कार्यकर्ता व समर्थक आमने-सामने रहे। कई जिलों में बवाल इतना हुआ कि पुलिस पीछे हो गई और प्रत्याशी के समर्थकों ने एक-दूसरे पर फायरिंग करते, लाठी डंडों से हमला करते नजर आय़े। प्रदेश में गुरुवार को हुई खुली गुंडा-गर्दी के बाद अब मुख्यमंत्री की नींद खुली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार 9 जुलाई को टीम-9 के साथ बैठक में जिम्मेदार अधिकारियों और माहौल बिगाड़ने पर कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।