BJP नेता उमा भारती बोलीं उत्तराखण्ड में आयी भीषण त्रासदी है चेतावनी, मंत्री रहते पावर प्रोजेक्ट का मैंने किया था विरोध
उमा ने कहा मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर पनबिजली परियोजनाएं लगाने के थीं सख्त खिलाफ....
जनज्वार। पहले केदारनाथ और अब ग्लेशियर टूटने के कारण चमोली में आयी भीषण तबाही के बाद उत्तराखण्ड फिर से सहम गया है, मगर असल बात यह है कि आखिर यह तबाही मची क्यों, क्या है इसका कारण। सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने लिखना शुरू कर दिया है कि यह तबाही प्राकृतिक नहीं, मानवजनित है। सरकार द्वारा नदियों पर लगाये गये तमाम पावर प्रोजेक्ट इसके असल कारण है, यानी तबाही की पटकथा सरकार ने ही लिखी है।
अब भाजपा नेता उमा भारती ने भी कह दिया है ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है। उमा भारती ने कल 7 फरवरी को बयान दिया कि 'मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर पनबिजली परियोजनाएं लगाने के खिलाफ थीं।' गौरतलब है कि उमा भारत एनडीए के पहले कार्यकाल में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री थी।
उमा भारती ने ट्वीट किया है, ग्लेशियर टूटने से पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचा है और भीषण त्रासदी आई है। हिमालय के ऋषि गंगा में हई या त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है।
उमा कहती हैं, 'इस संबंध में मैंने अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो हलफनामा दिया था उसमें यही आग्रह किया था की हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजना नहीं बनने चाहिए।'
उमा के मुताबिक, बिजली आपूर्ति में होने वाली कमी को राष्ट्रीय ग्रिड से पूरा किया जा सकता था। भारती ने कहा कि वह शनिवार 6 दिसंबर को उत्तरकाशी में थीं और अभी हरिद्वार में हैं।