Agriculture law : पीएम के ऐलान पर किसानों को नहीं है भरोसा, MSP की गारंटी तक जारी रहेगा आंदोलन

किसानों के रवैये से साफ है कि वो केवल ऐलान से पिघलने वाले नहीं हैं। अभी दिल्ली की सीमाओं पर सड़कों का जाम खुलने वाला नहीं है।

Update: 2021-11-21 13:18 GMT

किसान आंदोलन एमएसपी पर कानून बनने तक जारी रहेगा।

Agriculture law : कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान होने के बावजूद किसान संगठनों के नेताओं के लिए पीएम मोदी के आश्वासन पर ऐतबार नहीं है। इस मुद्दे पर रविवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ( Sanyukta Kisan Morcha ) की बैठक हुई। इस बैठक में किसान नेताओं से मोदी सरकार से साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों ( Agriculture laws ) को वापस नहीं लेती और न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) की गारंटी नहीं देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

एमएसपी के अलावे भी हैं हमारी मांगे

इसके अलावा, किसान संगठनों के नेताओं ने किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, शहीद किसानों के परिवार के एक सदस्यों को नौकरी देने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, इलेक्ट्रिसिटी बिल कम करने जैसी मांगों पर सभी के बीच आम सहमति बनी है। बैठक में कहा गया कि सरकार को इस मांगों पर भी विचार करना होगा।


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मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को

इस बीच खबर यह आई है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को अपनी बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को मंजूरी दे सकता है।

पीएम के नाम खुल खत लिखा जाएगा 

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुल खत लिखा जाएगा। इसमें किसानों की लंबित मांगों का लखनऊ किया जाएगा। चिट्ठी में एमएसपी समिति, उसके अधिकार, उसकी समय सीमा, उसके कर्तव्य, विद्युत विधेयक 2020 और किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी का उल्लेख किया जाएगा। चिट्ठी में लखमीपुर खीरी की घटना के संबंध में केंद्रीय मंत्री ( अजय मिश्रा टेनी ) को बर्खास्त करने की भी मांग करेंगे।

मांगें मान लें तो हम खुद चले जाएंगे

किसान नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी ने अच्छा कदम उठाया है। हमें उम्मीद है आगे भी वो अच्छी पहल करेंगे। किसान नेताओं ने उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगे मान ली जाती हैं तो फिर क्यों बैठेंगे। हम खुद चले जाएंगे। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक हमारे बाकी कार्यक्रम पहले की तरह चलते रहेंगे।

बता दें कि 26 तारीख को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो रहा है। 26 को लखनऊ में राकेश टिकैत किसानों की महापंचायत में शामिल होंगे। उसके बाद 27 नवंबर को एसकेएम की बैठक होगी। बैठक में आंदोलन को वापस लिया जाए या नहीं, पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। बैठक में 29 नवंबर को ट्रैक्टर रैली पर भी विचार किया जाएगा। आज की बैठक में राकेश टिकैत शामिल नहीं हुए। बताया गया है कि वो लखनऊ में प्रस्तावित महापंचायत में व्यस्त हैं।

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