Amar Jawan Jyoti: मोदी सरकार क्यों बुझा रही है शहीदों की याद में हमेशा जलने वाली अमर जवान ज्योति

Amar Jawan Jyoti: राहुल गांधी ने ट्विटकर अमर जवान ज्योति को बुझाकर उसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है। उसके बाद से फिल्म मेकर, पत्रकार और नौकरशाहों के बीच इस मुद्दे पर ट्विटर पर जंग जारी है....

Update: 2022-01-21 09:05 GMT

 जानिए अमर जवान ज्योति का इतिहास

Amar jwan jyoti India Gate: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों में जारी तनातनी के बीच अब अमर जवान ज्योति के मुद्दे पर भी बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसको लेकर जंग जारी है। दरअसल, इस विवाद की शुरुआत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ट्विट से हुई है। उन्होंने अमर जवान ज्योति को बुझाकर उसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने के केंद्र सरकार के फैसले की अपने ट्विट में निंदा की है। उसके बाद से फिल्म मेकर, पत्रकार और नौकरशाह में इस मुद्दे पर ट्विटर पर ठन गई है। एक पक्ष सरकार के फैसले का समर्थन कर रहा तो दूसरा पक्ष मोदी पर हमलावर है।

राहुल ने अपने ट्विट में क्या कहा



केरल के वयनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमर जवान ज्योति को बुझाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते हैं। कोई बात नहीं, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।

दुखी तो आप 2014 से हो



राहुल गांधी के इस ट्वीट को लेकर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने उनपर तंज कसा है। फिल्म मेकर ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा — दुखी तो आप 2014 से ही हो। कोई नई बात करो।

अमर जवान ज्योति से ऐसा मजाक मोदी ही कर सकते हैं, भक्तों ताली बजाओ

जवानों की मोदी के पक्ष में अशोक पंडित के इस रुख का पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा — "ज्योति से ज्योति जलाई जाती है, बुझाने वाला पहला आया है।" पूर्व आईएएस यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा — "साहब का मत बिल्कुल स्पष्ट है, भले ही देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हो, या तो उसका नाम बदल दिया जाएगा या जगह, ताकि शिलापट्ट पर एक ही नाम दिखे - नरेंद्र मोदी। लगभग 3800 शहीद जवानों की स्मृति में स्थापित अमर जवान ज्योति के साथ ऐसा मजाक मोदी जी ही कर सकते हैं। अब भक्त ताली बजाएं।"

तो मोदी भी झेल रहे हैं महंगाई की मार

वहीं पेशे से पत्रकार रणविजय सिंह ने मामले को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि महंगाई का आलम देखिए, सरकार को अमर जवान ज्योति बुझानी पड़ गई। नेताओं के पास खुद के लिए 10—10 गाड़ियों का ईंधन है, लेकिन शहीदों के लिए दो ज्योति जलाने का ईंधन नहीं। हाय महंगाई।

विरासत से छेड़छाड़ की सनक इंसान को विक्षिप्त अवस्था तक ले जाती है

फिल्म निर्माता विनोद कापरी भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने इस मामले पर सवाल करते हुए लिखा कि "अगर तर्क यही है कि 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को नए वॉर मेमोरियल में मिला दिया जाएगा तो सवाल है कि दो जगह ज्योति क्यों नहीं जल सकती? इतिहास, विरासत से छेड़छाड़ की सनक इंसान को विक्षिप्त अवस्था तक ले जाती है, जो देश के लिए खतरनाक है।"

बता दें कि दिल्ली के इंडिया गेट पर बीते 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति को अब हमेशा के लिए बुझा दिया जाएगा। शुक्रवार को इसे एक समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जब एक समर्पित स्मारक है तो अमर जवान ज्योति की लौ को भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ मिला दिया जाएगा। इस बात को लेकर केंद्र की मोदी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पत्रकार व पूर्व आईएएस अधिकारी भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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