पुरानी दिल्ली के अलावे मुस्लिम बहुल दंगा प्रभावित क्षेत्रों में मुसलमानों का कांग्रेस को मिला साथ

MCD Election Result : अरविंद केजरीवाल के सॉफ्ट हिंदुत्व और एनआरसी-सीएए आंदोलन के दौरान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में एमसीडी चुनाव का असर साफ नजर आ रहा है। पुरानी दिल्ली इलाके को छोड़कर इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने आप के बदले कांग्रेस का साथ दिया है।

Update: 2022-12-07 12:53 GMT

पुरानी दिल्ली के अलावे मुस्लिम बहुल दंगा प्रभावित क्षेत्रों में मुसलमानों का कांग्रेस को मिला साथ

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में आम आदमी पार्टी बहुमत से आठ सीटें ज्यादा जीतने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन मुस्लिम इलाकों में केजरीवाल का जादू नहीं चला। मुस्लिमों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया है, जिसका नतीजा है कि कांग्रेस से जीतने वाले ज्यादातर कैंडिडेट मुस्लिम है। पुरानी दिल्ली के इलाके को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली के बाकी क्षेत्र में मुस्लिमों ने कांग्रेस के साथ खड़े नजर आये हैं।

मुस्तफाबाद की पांचों सीटों पर आप की हार

मुस्तफाबाद से AAP के हाजी यूनुस (Haji Yunus) विधायक हैं। दिल्ली विधानसभा की इस सीट पर एमसीडी के 5 वार्ड हैं। इनमें करावल नगर इस्ट वार्ड, दयालपुर वार्ड, मुस्तफाबाद वार्ड, नेहरू विहार वार्ड और ब्रिजपुरी वार्ड आते हैं। इस बार के चुनाव में दयालपुर और नेहरू विहार महिला आरक्षित वार्ड हैं। जबकि बाकी तीन सामान्य वार्ड हैं। मुस्तफाबाद विधान सभा क्षेत्र के करावलनगर ईस्ट वार्ड में भाजपा से शिमला देवी, दयालपुर में भाजपा से पुनीत शर्मा, मुस्तफाबाद वार्ड कांग्रेस की सबीला बेगम, नेहरू विहार बीजेपी से अरुण सिंह भाटी और ब्रिजपुरी में कांग्रेस से नाजिया खातून ने जीत हासिल की है।

ओखला में पांच में से चार पर अमानतुल्लाह को शिकस्त

आदमी पार्टी का मुस्लिम चेहरा और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और ओखला विधानसभा क्षेत्र से विधायक अमानतुल्लाह खान अपने क्षेत्र में पांच वार्डों में से चार हार गए हैं। यानि चार आम आदमी को हार का सामना करना पड़ा है। जबकि ओखला मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। ओखला विधानसभा के तहत पांच पार्षद सीटें आती है। इसमें मदनपुर खादर ईस्ट, मदनपुर खादर वेस्ट, सरिता विहार, अबुल फजल एनक्लेव और जाकिर नगर वार्ड हैं। आम आदमी पार्टी का पूरी तरह से ओखला क्षेत्र की सीटों पर सफाया हो गया है। ओखला की पांच में से दो वार्डों में कांग्रेस जीती है तो दो भाजपा के खाते में गई हैं। इसके अलावा एक सीट ही आम आदमी पार्टी को मिली है।

मदनपुर खादर वेस्ट सीट से बीजेपी के ब्रह्म सिंह बिधूड़ी और सरीता विहार से नीतू मनीष जीती हैं। अबुफजल वार्ड से कांग्रेस की अरीबा खान और जाकिर नगर से नाजिया दानिश जीती हैं। मदनपुर खादर ईस्ट वार्ड से AAP के प्रवीण कुमार जीते है।

इसके अलावा कबीर नगर वार्ड से कांग्रेस के जारिफ ने आम आदमी पार्टी के साजिद को मात दी है। शास्त्री पार्क नगर वार्ड से कांग्रेस समीर अहमद ने जीत दर्ज की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के आदित्य चौधरी को मात दी है। बता दें कि इसी इलाके में शाहीन बाग आता है, जहां पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था।

दंगे प्रभावित सीटों के नतीजे

मुस्लिम बहुल सीलमपुर वार्ड पर निर्दलीय उम्मीदवार हज्जन शकीला ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट ने चुनाव लड़ने से पीछे हट गया था और निर्दलीय शकीला को समर्थन किया था। कांग्रेस की मुमताज को मात दिया है। सीलमपुर इलाके की चौहान बांगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शागुफ्ता चौधरी जीती हैं, जहां वो आम आदमी पार्टी की आसामा बेगम को मात दी है। घोंडा पार्षद सीट पर बीजेपी की प्रीति गुप्ता आगे चल रही है। इसी वार्ड में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा मतदाता है। दिल्ली में दंगा भड़काने का आरोप कापिल मिश्रा पर भी मुस्लिम समुदाय ने लगाया था।

बता दें कि फरवरी 2020 में संशोधित सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों ने सांप्रदायिक दंगों का रूप ले लिया था. इस दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। दंगों में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शिव विहार, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, विजय पार्क, यमुना विहार और मौजपुर के इलाके थे। इन इलाकों में आम आदमी पार्टी को करारी मात खानी पड़ी है। मुस्लिम समुदाय ने आम आदमी पार्टी की जगह कांग्रेस को पसंद किया तो हिंदू समुदाय ने बीजेपी को वोट दिया।

दिल्ली की राजनीति में करीब 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। 70 विधानसभा वाली दिल्ली में 8 विधानसभा और 250 में से 50 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। शहर की बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, चांदनी चौक, मटिया महल, बाबरपुर, दिलशाद गार्डन और किराड़ी मुस्लिम बहुल इलाके हैं। इन क्षेत्रों की पार्षद सीटों पर 40 से 90 फीसदी तक मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा त्रिलोकपुरी और सीमापुरी इलाके में भी मुस्लिम मतदाता अच्छी खासी संख्या में हैं।

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