Madarsa Survey : मदरसों का सर्वे कराने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले - आधुनिकरण के बहाने BJP सरकार बना रही मुस्लिमों को निशाना
Madarsa Survey : असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है, जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं...
Madarsa Survey : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त सब मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधा है। इस मुद्दे पर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सरकार को अपने निशाने पर लिया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट के जरिए सरकार पर बोला हमला
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ UP में और 50,000 शिक्षकों की कुल 750 करोड़ रुपए तनख्वाह बकाया है। संसद भवन में मैने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक्सीम कर दिए जाएंगे।'
आधुनिकरण के बहाने मदरसों को बनाया जा रहा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि 'टीचरों की ऐसे म'अशी हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं? बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौनसे सर्वे की जरूरत है। आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है।
BJP शाषित प्रदेशों में मदरसों को बनाया जा रहा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि 'भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं। सच्चाई कुछ और है।'
यूपी सरकार का मदरसों का सर्वे कराने का आदेश
जानकारी के आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को प्रदेश में अब गैर सरकारी मान्यता वाले मदरसों का सर्वे कराने संबंधी आदेश जारी हुआ था। इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। दरअसल बाल्य संरक्षण आयोग को मिली शिकायतों के आधार पर यह सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। इसमें ऐसे मदरसों की संख्या, वहां उपलब्ध सुविधाएं और विद्यार्थियों का ब्यौरा जुटाया जाएगा।
जानिए क्या है मदरसों को लेकर सरकार का आदेश
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह के अनुसार शासन ने आदेश जारी किया है कि राज्य के अनुदानित मदरसों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का अब आपसी सहमति से तबादला हो सकेगा। इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा अपनी संस्तुति सहित आवेदन को दो माह के भीतर रजिस्ट्रार मदरसा बोर्ड को प्रस्ताव भेजना होगा।
रजिस्ट्रार एक माह के भीतर परीक्षण कर इस पर निर्णय लेंगे। इसके अलावा अगर कहीं प्रबंध समिति विवादित है तो वहां मृतक आश्रित की नियुक्ति के आदेश जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व प्रधानाचार्य के माध्यम से जारी हो सकेंगे। इसे समिति विवाद की स्थिति में रोका नहीं जाएगा।
महिला कर्मचारियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश
वहीं अनुदानित मदरसों में कार्यरत शिक्षिकाओं व अन्य महिला कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर है। अब अन्य विभागों की तरह ही उन्हें भी अब छह महीने का मातृत्व अवकाश मिल सकेगा। इसके अलावा बाल्य देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी भी मिल सकेगी। शासन ने संबंधित आदेश जारी कर दिया है।