Asaduddin Owaisi News : RSS के एजेंडे में तो राम मंदिर भी नहीं था, मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार

Asaduddin Owaisi News : (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Controversy) पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने निशाना साधा है, कहा कि विहिप के गठन से पहले अयोध्या संघ के एजेंडे में भी नहीं थी...

Update: 2022-06-04 06:08 GMT

Asaduddin Owaisi News : RSS के एजेंडे में तो राम मंदिर भी नहीं था, मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार

Asaduddin Owaisi News : अखिल भारतीय मजलिस- ए -इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Controversy) पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विहिप के गठन से पहले अयोध्या संघ के एजेंडे में भी नहीं थी। ज्ञानवापी पर भागवत के भाषण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बाबरी मस्जिद के लिए आंदोलन को याद करें, जो ऐतिहासिक कारणों से आवश्यक था। उस समय आरएसएस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान नहीं किया और इसमें भाग लिया। फैसले से पहले मस्जिद को तोड़ा। क्या इसका मतलब यह है कि ज्ञानवापी पर भी कुछ ऐसा ही करेंगे।

पीएम मोदी को हिंदुत्व को रोकना होगा 

असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से देश में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के आश्वासन पर भी सवाल उठाया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'इन मुद्दों पर आश्वासन देने के लिए जेपी नड्डा या मोहन भागवत कौन हैं। उनके पास कोई संवैधानिक पद नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मुद्दे पर और पूजा स्थल अधिनियम 1991 के बारे में स्पष्ट संदेश देना चाहिए। उन्होंने संविधान की शपथ ली है। अगर वह इसके साथ खड़े होते हैं तो इस हिंदुत्व को रोकना होगा।'

संघ के एजेंडे में भी था अयोध्या मंदिर

एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) बनने से पहले अयोध्या मंदिर (Ayodhya) संघ के एजेंडे में भी नहीं था। 1989 में भाजपा के पालनपुर प्रस्ताव में कहा गया था कि अयोध्या एजेंडे का हिस्सा बन गया है। आरएसएस (RSS) ने राजनीतिक दोहरापन सिद्ध किया है। काशी, मथुरा, कुतुबमीनार आदि मसला उठाने वाले सभी जोकरों का संघ से सीधा संबंध है। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद का गठन 1964 में आरएसएस नेताओं एमएस गोवलकर और एसएस आप्टे की ओर किया गया था। आरएसएस का गठन सितंबर 1925 में हुआ था।' 


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