Babul Supriyo ने भाजपा सांसद पद छोड़ तृणमूल का थामा हाथ, कहा- दिल की बात सुनकर लिया है फैसला

Babul Supriyo Resign : सुप्रियो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरु किया था।

Update: 2021-10-19 09:18 GMT

Babul Supriyo Resign। टीएमसी नेता बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने औपचारिक तौर पर भाजपा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया है। सुप्रियो ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) के आवास पर पहुंचकर इस्तीफा सौंपा। सुप्रियो कुछ समय पहले तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं। 

इस्तीफा सौंपने के बाद सुप्रियो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा (BJP) से शुरु किया था। मैं प्रधानमंत्री, पार्टी प्रमुख और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझमें विश्वास दिखाया। मैंने पूरे मन से राजनीति छोड़ दी थी। मैंने सोचा था कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तो मुझे अपने लिए सीट नहीं रखनी चाहिए। सुप्रियो ने औपचारिक इस्तीफे को ट्वीट भी किया है

बाबुल सुप्रियो सितंबर माह में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि भाजपा को छोड़ते वक्त सुप्रियो ने कहा था कि वो किसी भी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाएंगे। लेकिन बाद में सुप्रियो ने टीएमसी को जॉइन करते ही कहा था कि आसनसोल के प्रति उनका विशेष लगाव है और आसनसोल को लेकर विशेष दायित्व है। उन्होंने बताया था कि उनके दोस्तों और अन्य जानने वालों ने उनसे कहा कि राजनीति छोड़ने का उनका फैसला गलता है।

सुप्रियो ने आसनसोल सीट से भाजपा के टिकट पर 2019 में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रस में शामिल होने के बाद स्पष्ट किया था कि वो सांसद पद पर नहीं रहेंगे। इस्तीफा सौंपने के बाद सुप्रियो ने अपना एक मजाकिया अंदाज वाला पोस्टर भी साझा किया है। 

सुप्रियो ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O Brien) की मौजूदगी में 18 सितंबर को टीएमसी में शामिल हुए। सुप्रियो के टीएमसी में शामिल होने पर पार्टी के कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने कहा था कि भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। वे भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक आज शामिल हुए, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। रुकिए और देखते रहिए।

वहीं टीएमसी में शामिल होने पर बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि टीएमसी में आने के बाद गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा तो इसका मतलब मेरे दिल से था। हालांकि मुझे लगा कि एक बहुत बड़ा अवसर मुझे (टीएमसी में शामिल होने पर) सौंपा गया है। मेरे सभी दोस्तों ने कहा था कि राजनीति छोड़ने का मेरा फैसला गलत और भावनात्मक था। 

क्यों छोड़ी थी बीजेपी

इस साल जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। जिसमे बाबुल सुप्रियो को मंत्री पद से हटा दिया गया। जिसके बाद से वह काफी नाराज थे। बाबुल सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने उनके खिलाफ कई बातें कही थी। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने की सोची थी। बता दें कि सुप्रियो ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का हाथ थामा था। बाबुल सुप्रियो ने 2014 और 2019 दो बार लगातार आसनसोल संसदीय क्षेत्र में विजय प्राप्त की थी। वह नरेंद्र मोदी मंत्रालय में केंद्रीय राजयमंत्री भी बने थे।

सुप्रियो रामदेव से करेंगे मुलाकात

बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह बाबा रामदेव के कारण ही राजनीति में आए थे। अब वह बाबा रामदेव से मुलाकात करने हरिद्वार जाएंगे। बता दें कि हाल ही में दुर्गा पूजा के दौरान बाबुल सुप्रियो ममता बनर्जी के साथ गाना गाते हुए भी नजर आए थे।

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