Bhagwant Mann : 'जो अफसर कहे कि मैं गांव नहीं जाऊंगा, उसे कहो तुम चंडीगढ़ आ जाओ...', चुने विधायकों से क्या-क्या बोले भगवंत मान
Bhagwant Mann : भगवंत मान ने नए चुने विधायकों से कहा कि अहंकार मत करना। किसी के घर जाकर चुनौती मत देना। अपने वॉलिंटियर को भी कह दो। जिन्होंने आपको वोट नहीं दिया, आप उनके भी विधायक हो...
Bhagwant Mann : पंजाब में बहुमत की सरकार बनने की सरकार बनने के बाद अब भगवंत मान का मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनना लगभग तय है। इस बीच भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने मोहाली में नए चुने हुए विधायकों से मीटिंग की और कहा कि चंडीगढ़ कम से कम रहना है। वहां जाकर काम करना है जहां जाकर वोट मांगे थे।
'जिन्होंने वोट नहीं दिया उनके भी विधायक हो'
भगवंत मान ने कहा कि मेरी एक विनती है कि अहंकार मत करना। किसी के घर जाकर चुनौती मत देना। अपने वॉलिंटियर को भी कह दो। जिन्होंने आपको वोट नहीं दिया, आप उनके भी विधायक हो। इसलिए ऐसा मत करना कि इस गांव से मुझे कम वोट मिले थे तो मैं इस गांव का काम नहीं करूंगा। आप पंजाबियों के विधायक हो। सरकार पंजाबियों ने बनाई है। आज जब मैं संगरूर से दिल्ली जा रहा था तो लोग इकट्ठे हो गए। मैंने गाड़ी का सीशा खोल लिया। लोगों ने मुझे हार पहनाए।
'धमकी न दो माफ कर दो'
उन्होंने आगे बताया कि एक आदमी ने मुझे बहुत दिल छूने वाली बात कही। उसने कहा- मान साहब हम मरे हुए लोग हैं, हमें जिंदा कर दो। लाशें घूम रही हैं। किसी की इज्जत नहीं होती। कभी भी कोई पटवारी डांट देता है, कोई अफसर डांट देता है। कभी भी पुलिसवाला परिवार या बच्चों के सामने थप्पड़ मार देता है। अगर आपको किसी की बात गलत लगे तो उसे पुलिस केस करने की धमकी नहीं देनी, उसे माफ कर दो। किसी ने हमें कुछ कहा तो कोई बात नहीं, उन्हें लोगों ने जवाब दे दिया।
'चंडीगढ़ में कम रहना है'
उन्होंने आगे कहा- एक और बहुत जरूरी बात है और इस पर मैं बहुत सख्त रहूंगा। मैं पहले भी सत्ता में रहे लोगों से कहता रहा हूं। चंडीगढ़ कम से कम रहना है। वहां जाकर काम करना है जहां जाकर वोट मांगे थे। वोट मांगने के वक्त तो हम डोर-टू-डोर भी चले जाते हैं। जीतने के बाद लोगों से ऐसा नहीं कहना है कि अब आप मुझसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आओ। वो पांच सौ गाड़ियां लेकर आपको मिलने के लिए आएंगे। आपको दो-तीन लेकर जानी हैं। कम से कम वक्त के लिए चंडीगढ़ रहना है।
'जनता के बीच जाओ-जनता के सेवक कहलाओ'
भगवंत मान ने कहा- सरकार गांव से चलेगी, वार्ड से चलेगी, मोहल्लों से चलेगी। जाकर बैठो, चार-चार, पांच-पांच गांवों के लोगों को इकट्ठा करो। बैठो, खटिया लगाकर। लोगों को पुराना वक्त याद आएगा कि पहले ऐसे ही होता था। चाय पीयो, लोगों से बातें करो। उनके दुख सुख सुनो, अफसरों को साथ लेकर जाओ। उनके मसले हल करो। वो तहसीलों, कचहरियों में नहीं जा सकते। वो थक चुके हैं। उनकी दाढ़ी सफेद हो गई। जूते घिस गए। आप मंगलवार बुधवार को अफसरों को लेकर वहां जाओ। जो अफसर कहे कि मैं नहीं जाउंगा, तो उसे कहो कि तुम चंडीगढ़ आ जाओ फिर। जनता के बीच जाओगे तो जनता के सेवक कहलाओगे।
सभी को मिलेगी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि किसी तरह का भेदभाव नहीं करना है। लोगों ने इतना बड़ा मौका दे दिया। अगर हम अपना कुछ निजी काम भी करेंगे तो जनता विरोध करेगी। जो हमें छोड़कर गए थे उन्हें जनता ने नहीं घुसने दिया। दो-तीन को तो बड़ी पार्टियों से टिकट भी मिला था। अरविंद केजरीवाल जी की तरफ से यही संदेश है कि स्कूल, अस्पताल, बिजली उद्योग पर जोर रहेगा। सभी को कहीं न कहीं जिम्मेदारी मिलेगी।