क्या विकास दुबे की तरह अतीक अहमद का होगा एनकाउंटर, साबरमती जेल से निकलते वक्त जतायी थी ये आशंका

Atique Ahmed Big news : उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने योगी सरकार से मांग की है कि जैसे मेरा घर उजाड़ा है, वैसे ही अतीक अहमद का भी वही हाल हो। अतीक के जिंदा रहते कोई न कोई अतीक बनता रहेगा। मेरे पति उमेश पाल को इन सबने मिलकर मारा, इनसे जीने का हक छीन लेना चाहिए...

Update: 2023-03-27 05:02 GMT

file photo

Atique Ahmed Big news : उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से पुलिस प्रयागराज ला रही है। कल 26 मार्च की शाम से यूपी पुलिस गुजरात से अतीक अहमद को लेकर सड़क के रास्ते यूपी आ रही है। जब अचानक अतीक अहमद का काफिला रास्ते में रोका गया तो इस बात के कयासों में तेजी आ गयी कि कहीं उसका एनकाउंटर तो नहीं कर दिया जायेगा। इन बातों को और भी बल इसलिए मिलता है, क्योंकि गुजरात की साबरमती जेल से बाहर निकलते वक्त अतीक अहमद कह चुका है कि उसे यूपी पुलिस का प्लान मालूम है। पुलिस उसका एनकाउंटर करना चाहती है।

गौरतलब है कि आज 27 मार्च की तड़के मध्य प्रदेश यानी भाजपा शासित राज्य में स्थित शिवपुरी से पहले बीच सड़क पर अतीक अहमद का काफिला रोका गया था। वैन रुकते ही उसका दरवाजा खुला और पहले वैन से पुलिसकर्मी उतरे, उसके बाद अतीक अहमद भी उतरते हुए दिखायी दिया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि अतीक अहमद की वैन के आगे-पीछे रिपोर्टिंग के लिए बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों की गाड़ियां भी चलती दिखायी दे रही हैं, आखिर आज की सबसे बड़ी टीआरपी जो है अतीक अहमद। शायद मीडिया खासकर गोदी मीडिया को भी कहीं न कहीं यह लग रहा है कि रास्ते में ही अतीक अहमद का एनकाउंटर कर दिया जायेगा।

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गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाए जा रहे माफिया डॉन अतीक अहमद की बहन आयशा का कहना है कि वह भी गुजरात से अपने भाई के काफिले के साथ चल रही है। आयशा को आशंका है कि उनके भाई का एनकाउंटर हो सकता है, इसलिए वह अतीक के साथ साथ चल रही हैं। आयशा के अलावा अतीक अहमद के परिवार के कई अन्य लोग भी काफिले के साथ एनकाउंटर के भय से चल रहे हैं। बकौल आयशा, मेरे भाई की तबीयत ठीक नहीं है और वे सड़क मार्ग से लाए जाने के लायक नहीं थे, मगर इसके बाद भी यूपी पुलिस उन्हें सड़क के रास्ते ले जा रही है। वहीं अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से लाया जा रहा है। झांसी में जब अतीक अहमद का काफिला रुका तो उस दौरान अतीक की बहन आयशा ने मीडिया के सामने आशंका जाहिर की कि उसकी भाभी और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन कहां हैं, उन्हें कुछ नहीं पता। कहीं उनके साथ भी कुछ अनहोनी न हो जाये।

वहीं अतीक अहमद गैंग द्वारा मौत के घाट उतारे गये उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने योगी सरकार से मांग की है कि जैसे मेरा घर उजाड़ा है, वैसे ही अतीक अहमद का भी वही हाल हो। अतीक के जिंदा रहते कोई न कोई अतीक बनता रहेगा। मेरे पति उमेश पाल को इन सबने मिलकर मारा, इनसे जीने का हक छीन लेना चाहिए।’

माफिया डॉन अतीक अहमद का भाई अशरफ अहमद जोकि बरेली जेल में बंद था उसे भी प्रयागराज लाया जा रहा है। उमेश पाल अपहरण कांड में अशरफ अहमद का नाम भी शामिल है। शूटरों के अशरफ अहमद से बरेली जेल में मिलने की खबर मीडिया में आयी थी।

उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी अतीक अहमद को प्रयागराज लाने के लिए गुजरात और यूपी पुलिस की 45 सदस्यीय टीम है, जिसमें दो आईएएस, तीन डीएसपी और 40 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। अतीक के प्रयागराज पहुंचने से पहले ही योगी सरकार ने एक बड़ा फेरबदल यह किया है कि प्रयागराज में तैनात एक दारोगा समेत 17 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है। आरोप था कि ये लोग अतीक गिरोह को मदद पहुंचा रहे थे। हालांकि यूपी पुलिस की ओर से प्रशासनिक आधार पर तबादला किये जाने की बात कही जा रही है।

प्रयागराज के धूमनगंज, पूरामुफ्ती, खुल्दाबाद और करैली थानों में तैनात 18 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। दारोगा मेराज खान का जहां मुरादाबाद पीटीसी ट्रांसफर किया गया है वहीं उर्दू अनुवादक मुनव्वर खान को हाथरस, हेड कांस्टेबल जावेद खान को हरदोई, तौफीक खान को औरैयाा, सरफराज खान को फतेहगढ़, सिराज अहमद खान को एटा, अफरोज खान को इटावा, अफरोज खान द्वितीय को हमीरपुर, नौशाद को बलरामपुर, मोहम्मद बाबर खान को अमरोहा, मोहम्मद शाहिद खान को बागपत, इरशाद अहमद सिद्दीकी को बुलंदशहर, मोहम्मद शाह आलम को पीलीभीत तबादला करके भेज दिया गया है। इसके अलावा सिपाही मोहम्मद आमिर खान को गोंडा, मेराज खान को जालौन, मोहम्मद आकिब रजा खान को सीतापुर, अरशद खान का आगरा तबादले के बाद तैनाती दी गयी है। गौर करने वाली बात है कि अतीक अहमद को मदद पहुंचाने वालों में जिन पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है, वह सभी मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं।

जानकारी के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को अतीक अहमद गैंग से 2005 से ही जान से मारने की धमकियां दी जा रही थीं। राजू पाल की हत्या के बाद उमेश पाल का वर्ष 2006 में अपहरण किया गया था और इसी केस की सुनवाई प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। मंगलवार 28 मार्च को इस केस में फैसला आना है, इसी वजह से अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है।

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