Bihar News: पूर्व CM जीतनराम मांझी बोले - भगवान राम काल्पनिक चरित्र तो मचा सियासी घमासान, BJP कूदी मैदान में

Bihar News: जीतन राम मांझी ने भगवान राम के अस्तित्व को काल्पनिक करार दे दिया है, जीतन राम मांझी ने कहा कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता..

Update: 2021-09-23 06:29 GMT

(बिहार के पूर्व CM जीतनराम मांझी ने भगवान राम को काल्पनिक बताया तो मच गया सियासी बवाल)

Bihar News (पटना)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awaam Morcha) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के एक बयान से बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। दरअसल, जीतन राम मांझी ने भगवान राम (God Ram is Imaginatory) के अस्तित्व को ही काल्पनिक करार दे दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता।

उन्होंने कहा कि लेकिन रामायण (Ramayana) कहानी में जो बातें बताई गई है वो सीखने वाली है। रामायण कथा में कई श्लोक और संदेश ऐसे हैं जो लोगो को बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक हैं। इसके बाद बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल (Hari bhushan Thakur Bachaul) ने मांझी पर हमला करते हुए कहा कि अगर भगवान राम का अस्तित्व नहीं था तो जीतन 'राम' मांझी नाम क्यों रखा।

बिहार के बिस्फी (Bisfi) से बीजेपी विधायक बचौल ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर मांझी ने अपनी मानसिकता बता दी है। भगवान राम अगर नहीं थे तो उनके खुद के नाम में 'राम' कहां से आ गए। उन्होंने कहा कि 'राम' भगवान थे और सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को मानने वाले सभी इस बात को मानते हैं तथा उनकी पूजा करते हैं।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भगवान राम (God Ram) के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राम को भगवान मानने से इंकार करते हुए कहा कि वह तो काल्पनिक व्यक्ति हैं। वहीं, उनकी ओर से रामायण (Ramayana) की ऐतिहासिकता पर सवाल उठाने के बाद बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। सहयोगी बीजेपी (BJP) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि महिलाओं का सम्मान की बात हो या फिर बड़ों के लिए आदर की बात हो, रामायण शिक्षा (education) देती है। रामायण में शामिल बातों को सिलेबस (Syllabus) में शामिल करना चाहिए ताकि लोग इससे शिक्षा ले सकें और अच्छी बातें सीख सकें। उनके इस बयान की जमकर आलोचना हो रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार (Madhyapradesh Government) ने रामायण को सिलेबस में शामिल करने का फैसला लिया है। इसके बाद से बिहार में भी रामायण को सिलेबस में शामिल करने की मांग उठी है। एनडीए (NDA) के कई नेताओं ने बयान जारी कर रामायण और रामचरितमानस कथा को सिलेबस में शामिल करने की मांग की है।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री व बीजेपी नेता मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने सिलेबस में रामायण को शामिल करने की बात करते हुआ कहा कि रामायण हमें सदियों से सही राह दिखाती आई है। हम इतिहास (History) पढ़ते हैं तो रामायण भी पढ़नी चाहिए। इतिहास के साथ हर वो विषय लोगों को पढ़नी चाहिए जो लोगों को बेहतर संदेश देती है।

उधर, हम प्रमुख के राम और रामायण को लेकर दिए गए इस बयान पर एनडीए (NDA) में उनकी सहयोगी बीजेपी कोटे के एक और मंत्री ने कड़ा एतराज जताया है। बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्रीराम से संबंधित बातें पढ़ाई जानी चाहिए। इससे अधिक से अधिक लोग उनके बारे में जान सकेंगे।

बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश की सरकार ने रामायण को सिलेबस में शामिल करने का फैसला लिया है। इसके बाद से बिहार (Bihar) में भी रामायण को सिलेबस में शामिल करने की मांग उठी है। ऐसे में मांझी के बयान से सियासत (Politics) और गरमा गई है। हालांकि अभी तक मांझी के बयान पर जेडीयू (JDU) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बता दें कि राज्य में रामायण को सिलेबस में शामिल करने की मांग को लेकर पहले से बिहार की सियासत गरमाई हुई है। वहीं जीतम राम मांझी के इस बयान ने आग में घी डालने का काम किया है।

हालांकि दिलचस्प तथ्य यह है कि हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी खुद उसी एनडीए (NDA) में हैं, जो बिहार में सरकार चला रही है तथा जिसमें वह भाजपा (BJP) एक प्रमुख घटक दल है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह राम के नाम को लेकर ही आगे बढ़ती है।

राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir aandolan) इसका प्रत्यक्ष उदाहरण माना जाता है। ऐसे में एनडीए के भीतर भी तूफान उठना लाजमी है, चूंकि मांझी ने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर बीजेपी के लिए ऐसी राजनीतिक मुसीबत खड़ी कर दी है, जिससे पार पाना उसके लिए आसान नहीं रहने वाला।

बता दें कि जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन बुहार की नीतीश कैबिनेट में शामिल हैं और हम पार्टी (HAM Party) के कोटे से मंत्री बनाए गए हैं। गत वर्ष के बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) चुनावों में जीतनराम मांझी की हम पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली थी और बिहार विधानसभा की दलीय ताकत के अनुसार उनकी पार्टी की इन 4 सीटों ने सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई थी।।

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