Bihar News : हम भगवान राम को नहीं मानते, वो एक काल्पनिक पात्र, पूर्व CM जीतन राम मांझी का बयान

Bihar News : जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा है कि वह भगवान राम (Lord Ram) को नहीं मानते हैं, मांझी ने खुद को माता सबरी (Sabari) का वंशज तो बताया लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम को काल्पनिक पात्र मानते हैं...

Update: 2022-04-15 06:16 GMT

 हम भगवान राम को नहीं मानते, वो एक काल्पनिक पात्र, पूर्व CM जीतन राम मांझी का विवादित बयान

Bihar News : बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और भाजपा-जेडीयू सरकार (BJP - JDU government) के सहयोगी जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भगवान राम (Bhagwan Ram) को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा है कि वह भगवान राम (Lord Ram) को नहीं मानते हैं।

खुद को बताया माता सबरी का वंशज

बता दें कि जीतन राम मांझी ने खुद को माता सबरी (Sabari) का वंशज तो बताया लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम को काल्पनिक पात्र मानते हैं। जीतन राम मांझी ने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए भगवान राम को लेकर यह विवादित बयान दिया है। बीते गुरुवार को एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने सवाल किया कि जो लोग राम को मानते हैं, वह (दलितों) का जूठा क्यों नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों ने सत्ता के लिए लोगों को बांट दिया है।

जीतन राम मांझी का बयान

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि 'हम तुलसीदास को मानते हैं, वाल्मीकि जी को भी मानते हैं लेकिन राम को नहीं मानते लेकिन आम यदि कहते हैं, हम राम को मानते हैं। राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था कहानी है। राम ने सबरी का झूठा खाया था। आज हमारा छुआ हुआ खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं। यही राम कि बात करते हैं आप। अपने हिट में बड़े लोग हम लोगों को बांट दिए है, शासन करने के लिए।'

पहले भी दे चुके है ऐसा बयान

बता दें कि जीतन राम मांझी ने पिछले साल भी इसी तरह का विवादित बयान दिया था और कहा था कि वह राम को भगवान नहीं मानते हैं। भगवाम राम को काल्पनिक चरित्र बताते हुए जीतन राम मांझी ने कहा था कि वह कभी उनकी पूजा नहीं करते हैं और अपने समर्थकों से भी राम के पूजा नहीं करने को कहते हैं। इसी दौरान उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी विवादित बयान दिया था, जिस पर खूब राजनीति भी हुई थी और बाद में जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों को भोज देकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की थी। 

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