Bihar News : कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफे के बाद तोड़ी चुप्पी, बोले - नीतीश सरकार में भूमिहार मंत्री देखकर खुश नहीं थी BJP इसलिए छोड़ा पद
Bihar News : कार्तिकेय ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी को उनका भूमिहार होकर आरजेडी कोटे से मंत्री बनना अच्छा नहीं लगा इसलिए बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल करवाया...
Bihar News : विवादों में आए आरजेडी नेता कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह ने बिहार की नितीश कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। नितीश कैबिनेट से इस्तीफे के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कार्तिकेय सिंह ने कहा कि पार्टी की छवि धूमिल नहीं हो इसलिए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया है। आगे कार्तिकेय सिंह ने कहा कि वे विभाग बदले जाने से मुख्यमंत्री नितीश कुमार से नाराज नहीं हैं। साथ ही कार्तिकेय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के पर अपने खिलाफ मीडिया ट्रायल करने के भी आरोप लगाए हैं।
भूमिहार होकर मंत्री बनता देख BJP कोई नहीं लगा अच्छा
बता दें कि कार्तिकेय ने आज गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी को उनका भूमिहार होकर आरजेडी कोटे से मंत्री बनना अच्छा नहीं लगा इसलिए बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल करवाया। साथ ही कार्तिकेय सिंह ने कहा कि मैं अच्छे परिवार से हूं। मेरे पिता शिक्षक रहे हैं। मैं खुद भी 27 सालों ताल सरकारी स्कूल में शिक्षक रहा हूं। मेरे खिलाफ 2015 से पहले कोई आपराधिक मामला नहीं था। 2015 में जो अपहरण का मामला दर्ज हुआ, उससे भी मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
कार्तिकेय सिंह ने अनंत सिंह से नजदीकियों पर दी सफाई
कार्तिकेय सिंह ने बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह से नजदीकियों पर भी सफाई दी। कार्तिकेय सिंह ने कहा कि अनंत सिंह हमारे क्षेत्र के विधायक रहे, इसलिए उनसे राजनीतिक संबंध बने। इसे लोग गलत रूप में दिखा रहे हैं।
RJD की छवि धूमिल न हो इसलिए छोड़ा मंत्री पद
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि जिस अपहरण केस में उनका नाम है, उसमें जांच अधिकारी ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया था। कोरोना काल में इस मामले पर फिर संज्ञान लिया तो फिर से उनका नाम भी आ गया। हमें अदालत पर पूरा भरोसा है। कार्तिकेय सिंह ने कहा कि मंत्री पद इसलिए छोड़ा ताकि उनकी वजह से पार्टी या उनके नेता की छवि धूमिल न हो। कोर्ट से बरी होने के बाद पार्टी जो निर्देश देगी, उसका वे पालन करेंगे।