Bihar News : मांझी के बयान के बाद खतरे में नीतीश सरकार, सुशील मोदी बोले - मांझी के खिलाफ बयान न दें BJP नेता

हम प्रमुख जीतन राम मांझी सीनियर नेता हैं। उन पर घटक दलों की ओर से कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। ब्राह्मणों के मुद्दे पर वो पहले ही माफी मांग चुके हैं।

Update: 2021-12-29 05:02 GMT

सुशील मोदी बोले - जीतन राम मांझी वरिष्ठ नेता हैं। 

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व सीएम और नीतीश सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी ( Jitanram Manjhi ) की ओर से ब्राह्मणों ( Bahmain) के खिलाफ बयान देने के बाद से सियासी गलियारों में सहयोगी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बवाल चरम पर है। हालांकि, मांझी ने अपनी भूल के लिए माफी मांग ली है, लेकिन उनके खिलाफ सहयोगी नेताओं का गुस्सा अभी भी बरकरार है। इस बीच भाजपा विधायक के एक बयान की वजह से वो मांझी नाराज हो गए हैं। उनकी नाराजगी इतनी है कि वो नीतीश सरकार ( Nitish Government ) के लिए सियासी खतरा भी हो सकता है।

दरअसल, नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज सिंह बबलू ( Neeraj Singh Bablu ) के एक बयान के बाद जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार को गिराने की धमकी दी थी। इसके बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ( Sushil Modi ) डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। उन्होंने कहा है कि जीतन राम मांझी सीनियर नेता हैं। उन पर घटक दलों की ओर से कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।

ब्राह्मण भोज के समय बबलू ने दी सन्यास लेने की सलाह

नीरज सिंह बबलू का बयान उस समय आया जब ब्राह्मणों को गाली देने और फिर डैमेज कंट्रोल के रूप में जब मांझी सोमवार को ब्राह्मण भोज करा रहे थे। उसी वक्त बीजेपी नेता और मंत्री नीरज कुमार बबलू उन पर ताबड़तोड़ हमला कर रहे थे और उन्हें राजनीति से संन्यास लेने की राय दे रहे थे।

जीतन की उम्र राम नाम जपने की हो गई है

बिहार सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू ( Neeraj Singh Bablu ) यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया मगर ऐसा लगता है कि मांझी पर अब उम्र का दुष्प्रभाव हो रहा है। मांझी को समझना चाहिए कि उनका बेटा भी नीतीश कुमार सरकार में मंत्री है और इस प्रकार के अनाप-शनाप बयान से उन्हें बचना चाहिए। मांझी को राजनीति से संन्यास लेकर राम नाम जपना चाहिए।

बबलू की सलाह की जरूरत नहीं

सरकार में मंत्री नीरज बबलू के इस बयान से मांझी की पार्टी इतनी आग बबूला हो गई कि उन लोगों ने अपने 4 विधायकों के सहयोग से चलने वाली नीतीश कुमार सरकार को गिरा देने तक की धमकी दे दी है। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जीतन राम मांझी को नीरज बबलू की सलाह की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि अगर मांझी ने अपने 4 विधायकों का समर्थन सरकार से हटा लिया तो नीरज बबलू मंत्री भी नहीं रहेंगे और सड़क पर आ जाएंगे। बयानबाजी करने से पहले उन्हें 20 बार सोचना चाहिए।

दलित समाज को धमकाने वाले बर्दाश्त नहीं

ब्राह्मणों के मुद्दे पर सरकार को खतरे में देख भाजपा के राज्यसभा सांसद और नीतीश कुमार के करीबी नेता सुशील मोदी डैमेज कंट्रोल के लिए सामने आ गए हैं। उन्होंने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा द्वारा दी गई धमकी के बाद बीजेपी को जैसे सांप सूंघ गया और वह पूरे तरीके से बैकफुट पर आ गई है। सुशील मोदी ने ट्वीट कर मांझी को सीनियर नेता बताया और याद दिलाया कि जब भाजपा नेता गजेंद्र झा ने मांझी की जुबान काटने की धमकी दी थी तो पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा कि दलित समाज को धमकाने या अपमानित करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी ( Jitanram Manjhi ) के गाली देने के मामले को तूल दिया गया था, उस पर मांझी ने खुद माफी मांग ली थी। फिर सोमवार को अपने आवास पर ब्राह्मणों को सम्मान दिया और भोजन कराया जिसके बाद यह पूरा विवाद बंद हो जाना चाहिए।

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