सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी के बाद बीजेपी ने रद्द की विधायकों की बैठक, बताया ये कारण
जनज्वार। पार्टी के खिलाफ खड़े रहे राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने सोमवार को पार्टी के साथ सुलह कर लिया है. इसके बाद ही मंगलवार को खबर आई है कि भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान ईकाई ने आज होने वाली अपने विधायकों की बैठक को रद्द कर दिया है. महीने भर से पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में मची खींचतान के बीच बीच राजस्थान बीजेपी भी खूब सक्रिय दिख रही थी, वहीं मंगलवार को एक मीटिंग भी होनी थी. इस बैठक को रद्द करने के बाद पार्टी की ओर से कहा गया है कि 'वो अपनी रणनीति पर दोबारा काम कर रही है.'
बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि विधायकों की मंगलवार को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया गया है और अब यह बैठक 13 अगस्त यानी गुरुवार को सुबह 11 बजे होगी.उन्होंने कहा, 'हमने अपनी रणनीति बदल दी है. मैंने वसुंधरा जी से बात की है. वो भी मीटिंग के लिए आएंगी. वसुंधरा जी के माली को कोरोना हो गया है. उन्होंने भी अपना टेस्ट कराया है. हालांकि, मुझे टेस्ट के नतीजे नहीं पता हैं.'
कटारिया ने अशोक गहलोत की सरकार में अस्थिरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'मैं फिर कह रहा हूं कि कांग्रेस की सरकार पांच साल पूरे नहीं कर पाएगी.' बता दें कि ठीक एक महीने पहले सचिन पायलट राजस्थान कैबिनेट की मीटिंग छोड़कर अपने समर्थन में उतरे विधायकों के साथ दिल्ली चले आए थे. इसके बाद राजस्थान में असली सियासी उठा-पटक शुरू हुई थी.
पायलट और उनके साथी बागी विधायकों के हरियाणा के रिसॉर्ट में रुकने की खबर थी, जिसमें बीजेपी का समर्थन बताया जा रहा था. अशोक गहलोत और रणदीप सुरजेवाला जैसे कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे थे कि पायलट बीजेपी से शह ले रहे हैं और कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं.
पायलट के दिल्ली आने के बाद ये खबरें भी उड़ी थीं कि वो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले हैं. हालांकि, पायलट ने बार-बार इस खबर का खंडन किया कि वो बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं. लेकिन इसे पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे आरोप लगाए हैं.