BJP candidate list UP election 2022: BJP के 105 प्रत्याशियों में हत्या, डकैती, अपहरण, दंगा समेत गंभीर अपराधों वाले 36 दागी

BJP candidate list UP election 2022: चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक यदि कोई पार्टी आपराधिक मुकदमों वाले कैंडिडेट को चुनती है तो फिर उसे इसकी जानकारी सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा अपनी वेबसाइट पर देनी होगी।

Update: 2022-01-19 07:11 GMT

भाजपा के दागी प्रत्याशी। 

BJP candidate list UP election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जारी घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषित प्रत्याशियों में से आपराधिक व दागी पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की सूचना भी पार्टी की वेबसाइट पर जारी कर दी है। पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी सूचना के मुताबिक पहले और दूसरे चरण के लिए घोषित 105 प्रत्याशियों में से 36 प्रत्याशी दागी हैं। यानि भाजपा के एक तिहाई से ज्यादा उम्मीदवार अपने कारनामे की वजह से कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया में हैं। यह हाल उस समय है, जब भाजपा खुद को सबसे ज्यादा स्वच्छ और ईमानदार छवि वाली पार्टी बताती है।

बता दें कि चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक यदि कोई पार्टी आपराधिक मुकदमों वाले कैंडिडेट को चुनती है तो फिर उसे इसकी जानकारी सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। सभी पार्टियों के यह अनिवार्य है कि वो अपने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के बारे में डिटेल जानकारी पार्टी की आधिकारिक वेबासाइट पर प्रकाशित करें। भाजपा के आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों में सबसे बड़ा नाम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का है। इसके अलावा मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी संगीत सोम और सुरेश राणा राणा का नाम भी शामिल है।

ये हैं भाजपा के क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले नेता

भाजपा के आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के बारे में पूरी जानकारी के लिए क्लिक पर करें क्लिक

BJP candidate list UP election 2022: भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित सूचना के मुताबिक दागी छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या 36 है। इनमें ब्रजेश सिंह रावत - देवबंद, सुरेश कुमार राणा - थाना भवन, मुकेश चौधरी - नकुड़, बाबू लाल - फतेहपुर सीकरी, अमित अग्रवाल - मेरठ कैंट, कमल दत्त शर्मा - मेरठ सिटी, दिनेश कुमार - हस्तिनापुर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य - सिराथु, उमेश मलिक - बुढ़ाना, योगेंद्र उपाध्याय - आगरा दक्षिण, प्रदीप चौधरी - बुलंदशहर, कुंवर भारतेंदु सिंह - नजीबाबाद, सोमेंद्र सिंह तोमर - मेरठ दक्षिण, डॉ.जीएस धर्मेश - आगरा कैंट, यशवंत सिंह - नगीना, जगपाल सिंह - सहारनपुर देहात, अनिल पराशर - कोल, धर्मेश सिंह तोमर - धौलाना, डॉ.धर्मपाल सिंह - एत्मादपुर, एमपी आर्य - नवाबगंज, कपिल देव अग्रवाल - मुजफ्फरनगर, नंद किशोर गुर्जर - लोनी, राजीव गुम्बर - सहारनपुर नगर, सत्यवीर त्यागी - किठौर, धर्मपाल सिंह - आंवला, लक्ष्मीराज - सिकंदराबाद, अनिल शर्मा - शिकारपुर, संगीत सोम - सरधना, देवेंद्र नागपाल - नौगांव सादात, हरेंद्र सिह - गढ़मुक्तेश्वर, प्रशांत चौधरी - मीरापुर, राजबाला - मिलक सुरक्षित सीट, विक्रम सिंह - खतौली, योगेश धामा - बागपत, अजीत यादव - गुन्नौर और महेंद्र पाल सिंह - सिवालखास शामिल हैें।

भाजपा ने दागी प्रत्याशियों को चुनने की बताई ये वजह

भाजपा ने वेबसाइट पर पार्टी की ओर से इन उम्मीदवारों को ही चुने जाने की वजह भी बताई है। केशव प्रसाद मौर्य को उम्मीदवार के तौर पर चुनने की वजह बताते हुए भाजपा ने कहा कि वह सिटिंग विधायक हैं। राज्य के डिप्टी सीएम हैं। पूर्व में सांसद और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। वह अपने क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में बेहद लोकप्रिय हैं। उनके नाम को जिला यूनिट की ओर से प्रस्तावित किया गया था। उनका नाम मेरिट, सामाजिक कार्यों और लोगों के उत्थान के लिए किए गए कामों के आधार पर चुना गया है। यही नहीं उनके अलावा बिना किसी आपराधिक मुकदमे वाले लोगों को न चुने जाने की वजह भी पार्टी ने बताई है। पार्टी ने बताया कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तहत केस दर्ज कराए गए हैं। इसलिए उन्हें दूसरे दावेदारों के मुकाबले उम्मीदवार बनाए जाने में तरजीह दी गई है। कमोवेश इसी तरह के तर्क दूसरे प्रत्याशियों के बारे में भी भाजपा ने दिए हैं।

केशव प्रसाद मौर्य

केशव प्रसाद मौर्य यूपी के उप-मुख्यमंत्री हैं। 2014 में फूलपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर संसद के लिए निर्वाचित हुए थे। 19 मार्च, 2017 को यूपी के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आरएसएस से जुड़ने के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा में करीब 18 साल तक प्रचारक रहे। श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा व हिंदू हित के लिए अनेकों आन्दोलन किया। फूलपुर से भाजपा प्रत्याषी के रूप में 3,08,308 वोटो से ऐतिहासिक जीत हासिल की। इन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार इन पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं।

संगीत सोम

संगीत सोम सरधना से भाजपा विधायक हैं। संगीत सोम मुज्जफरनगर दंगों से चर्चाओं में आए थे। दंगों में आरोपी होने की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 2012 में पहली बार सरधना से चुने गए। 2017 में भी संगीत सोम ने जीत हासिल की थी। एक बार फिर भाजपा ने संगीत सोम पर विश्वास जताया है और सरधना से जीत की हैट्रिक लगाने का मौका दिया है। मुजफ्फरनगर में हुए दंगों से लेकर दादरी हत्याकांड तक सोम लगातार विवादों में रहे हैं। बीजेपी के फायरब्रांड नेता संगीत सोम और उनके दो साथियों ने 2009 में अलीगढ़ में मीट प्रोसेसिंग यूनिट के लिए जमीन खरीदी थी। संगीत सोम पर भी मुजफ्फरनगर दंगे सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

सुरेश राणा

सुरेश राणा थानाभवन सीट से भाजपा विधायक हैं । योगी कैबिनेट में गन्ना मंत्री हैं। राणा लगातार दो बार विधानसभा जीत चुके हैं। इस बार पार्टी ने बतौर प्रत्याशी बना जीत की हैट्रिक लगाने का मौका दिया है। मुजुफ्फनगर दंगे मामले में भी वो संगीत सोम के साथ आरोपी रहे हैं। इसके अलावा भी उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।

नंद किशोर गुर्जर

नंदकिशोर गुज्जर ने लोनी से भाजपा विधायक हैं। पार्टी ने उन पर दोबारा भरोसा करते हुए लोनी से फिर प्रत्याशी बनाया है। दिसंबर 2019 में यूपी सरकार के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामले को विधानसभा में उठाने की मांग की थी। स्पीकर से इजाज़त न मिलने के बाद 100 से अधिक भाजपा विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। किसान आंदोलन के दौरान भी वो चर्चा में और राकेश टिकैत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। हाल ही में उन्होंने हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए न अली, न बाहुबली लोनी में सिर्फ बजरंगबली का नारा दिया जो विवादों में रहा।

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