भाजपा दुर्जेय नहीं, इस फार्मूले पर 2024 में उसे हराया जा सकता है : प्रशांत किशोर
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन इसलिए भी खराब रहा कि टीएमसी के खिलाफ उनका चरम राष्ट्रवाद का नैरेटिव नहीं चला। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने उसके ऊपर बंगाली अस्मिता का मुद्दा उछालकर भाजपा को कमजोर कर दिया।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के साथ प्रशांत किशोर को लुकाछिपी का खेल जारी है। यूपी सहित पांच राज्यों में जारी चुनावी घमासान के बीच उन्होंने भाजपा को हराने की बात की है। उन्होंने कहा है कि भाजपा दुर्जेय नहीं है। उसे 2024 लोकसभा चुनाव में हराया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने तीन सूत्रीय फार्मूला भी पेश किया है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने न्यूज चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में बताया है कि भाजपा ने चुनावी जीत के लिए तीन नैरेटिव गढ़े हैं। विरोधी दलों को इसके जवाब में रणनीति बनानी होगी।
चुनावी रणनीतिकार का कहना है कि भाजपा के नैरेटिव पश्चिम बंगाल विधानसभा में क्यों फेल हुए। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने पीएम मोदी की भाजपा पर कैसे बड़ी जीत हासिल की। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने हिंदुत्व, चरम-राष्ट्रवाद और लोक कल्याण के मुद्दों का लाभ उठाते हुए जनमानस के बीच एक "दुर्जेय कथा" पेश की है। भाजपा की लोकप्रियता केवल हिंदुत्व के भरोसे नहीं टिकी है। उसने जीत के पीछे चरम राष्ट्रवाद और लोक कल्याण भी शामिल है। इनमें से कम से कम दो मुद्दों पर भाजपा को जवाब देने की जरूरत है।
पीके का कहना है थ्क घरेलू और व्यक्तिगत स्तर पर अगर लोक कल्याण, चरम राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को एक साथ रखें यह दुर्जेय बन जाता है। ऐसे में विपक्ष के पास भाजपा के इन तीन नैरेटिव के खिलाफ किसी दो मुद्दों पर ठोस नैरेटिव होना चाहिए। अगर उसकी कमी है तो फिर भाजपा को हराना मुश्किल है। उनका कहना है थ्क पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन इसलिए भी खराब रहा क्योंकि वहां उनका चरम राष्ट्रवाद का नैरेटिव नहीं चल पाया। ममता बनर्जी ने उनसे मुकाबला करने के लिए उसके ऊपर उप क्षेत्रवाद बंगाली अस्मिता का मुद्दा सामने रख दिया। लेकिन लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा को ज्यादा लाभ मिलता है।