दलितों की जमीन हड़पने के मामले में BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय पांडा की बढ़ी मुश्किलें, HC ने खारिज की जमानत याचिका

पुलिस ने इनपर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के खिलाफ गैरकानूनी ढंग से जमीन हड़पने का मामला दर्ज किया है, जमीन खुर्दा जिले के सौरा गांव में अनुसूचित जातियों की 7 एकड़ जमीन से जुड़ा है....

Update: 2020-11-24 07:11 GMT

नई दिल्‍ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और उनकी पत्नी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल ओड़िशा की हाईकोर्ट ने जमीन हड़पने के मामले में दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ओड़िशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

इससे पहले हाईकोर्ट ने ओडिशा पुलिस को जय पांडा और उनकी पत्नी को 12 नवंबर तक गिरफ्तार नहीं करने का आदेश जारी किया था। बता दें कि जय पांडा और उनकी पत्नी ओटीवी चैनल की मालिक हैं।

इसके अलावा दोनों इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में शेयर होल्‍डर भी हैं। पुलिस ने इनपर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के खिलाफ गैरकानूनी ढंग से जमीन हड़पने का मामला दर्ज किया है। जमीन खुर्दा जिले के सौरा गांव में अनुसूचित जातियों की 7 एकड़ जमीन से जुड़ा है।

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पांडा ने एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शनिवार यानी कि 21 नवंबर को पांडा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया था और इसके लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बदले की राजनीति को दोषी ठहराया। वहीं एक बयान में जगी पंडा ने कहा, हमने कोई गलत काम नहीं किया गया है। हमें विश्वास है कि यह अदालत में साबित हो जाएगा।

उल्‍लेखनीय है कि एफआईआर में यह कहा गया है कि पांडा ने मार्केट रेट से 50 प्रतिशत कम की कीमत पर ये जमीन खरीदी गई। जमीन की खरीद 65 लाख रुपए दिखाई गई लेकिन सेठी को ये रकम दी नहीं गई। इंडिया टूडे की खबर के मुताबिक ये शो किया गया था कि इस जमीन को सेठी ने खरीदा था। लेकिन सेठी की महीने की सैलरी आठ हजार थी।

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