कपिल मिश्रा ने कहा दिल्ली में किसान नहीं नक्सली और खालिस्तानी, योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत को भेजो जेल
जनज्वार। दिल्ली दंगे से पहले भड़काउ भाषण देकर आग में घी डालने का काम करने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने किसान आंदोलन में एंट्री ले ली है और वह एक बार फिर लोगों खासकर हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। कपिल मिश्रा कह रहे हैं कि दिल्ली में आंदोलन करने आये लोग किसान नहीं बल्कि खालिस्तानी और नक्सली हैं।
अपने ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कपिल मिश्रा ने लिखा है, 'योगेन्द्र यादव और राकेश टिकैत जैसे लोगों को तुरंत जेल में डाला जाना चाहिए। केजरीवाल और राहुल गांधी को दिल्ली वालों से माफी मांगनी होगी। ये किसान नहीं खालिस्तानी और नक्सली हमला हैं दिल्ली पर #DelhiUnderAttack'
कपिल मिश्रा वीडियो में कहते सुनायी दे रहे हैं, योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत पर एनएसए लगाना चाहिए, क्योंकि इन्होंने नक्सलियों और खालिस्तानियों को संरक्षण दिया है। ये दोनों किसान नेता नहीं बल्कि नकली लीडर हैं, इन्हें जेल भेज देना चाहिए।
कपिल मिश्रा दावा कर रहे हैं कि लालकिले पर खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए 2 मिलियन डॉलर की फंडिंग हुयी है और उसी फंडिंग के लिए नकली किसानों ने लालकिले पर खालिस्तानी झंडा फहराया है।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने किसान नेताओं पर हमले की साजिश को किसान नेताओं द्वारा ही रचा गया एक षड्यंत्र बताया था। कपिल मिश्र ने एक ट्वीट कर इसे आंदोलन के नाम पर छल, कपट, झूठ, षड्यंत्र, तमाशा, नौटंकी, साजिश, हिंसा की तैयारी व झूठे आरोप बताया।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया था, दिन में गाड़ी तोड़ने की नौटंकी फैल हुई तो रात में ये बेशर्मी कर रहे हैं। ये लोग खुद ही सिर्फ हिंसा भड़काने के लिए हमले करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यह तमाशा देखा हुआ है।
गौरतलब है कि शुक्रवार 22 जनवरी की रात सिंघु बाॅर्डर पर एक युवक को 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड के दिन चार प्रमुख किसान नेताओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कपिल मिश्रा ने उस युवक के बयान के वीडियो को ट्वीट कर इसे किसान नेताओं की ही साजिश बता डाला है।
किसान यूनियन ने उक्त युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और बाद में उसे पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। नकाबपोश युवक इस वीडियो में यह कहते सुनायी पड़ रहा है कि जब किसान ट्रैक्टर मार्च लेकर दिल्ली के अंदर प्रवेश की कोशिश करेंगे तो पुलिस उन्हें रोकेगी, इसके बाद हम पीछे से फायरिंग करेंगे, ताकि पुलिस को ऐसा लगे कि यह गोली किसानों की ओर से चलायी गयी है।