भाजपा : जेपी नड्डा की टीम से राम माधव व मुरली धर राव बाहर, शाह के चहेतों को जगह, सोशल पर शुरू हुई बहस

भाजपा की नई टीम में राम माधव का नाम नहीं होने से यह बहस शुरू हो गई है कि मोदी-शाह की पूर्ण प्रभाव वाली भाजपा में उन्हें संगठन में जगह क्यों नहीं दी गई, जबकि वे आरएसएस की मजबूत पृष्ठभूमि से आते हैं...

Update: 2020-09-26 15:01 GMT

जनज्वार। जेपी नड्डा के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद शनिवार (26 spt 2020) शाम पार्टी ने उनकी नई टीम के नाम का भी ऐलान कर दिया। इस टीम में सबसे चकित करने वाली बात यह है कि राम माधव को जगह नहीं दी गई है। राम माधव आरएसएस की पृष्ठभूमि से मोदी युग में भाजपा में आए और यह माना जा रहा था कि आने वाले सालों में वे पार्टी के प्रमुख चेहरों व नेतृत्वकर्ता में एक होंगे।

यह बात तब और पुख्ता रूप से कही और मानी जाती थी, जब राम माधव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की विदेश यात्राओं का भव्य प्रबंधन करते थे और अप्रत्याशित रूप से जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार के शिल्पकार बन गए थे। हालांकि बाद में भाजपा ने पीडीपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और वहां राज्यपाल शासन लग गया। फिर उसके बाद के महीनों में मोदी सरकार ने अस्थायी रूप से जम्मू कश्मीर का विभाजन किया और उसे केंद्र के नियंत्रण में ले लिया। यह कहा जाता रहा है कि सरकार के ऐसे फैसलों में भी राम माधव की भूमिका थी।


राम माधव को लेकर यह धारणा थी कि वे मोदी सरकार की न सिर्फ जम्मू कश्मीर संबंधी नीतियों को प्रभावित करते हैं, बल्कि विदेश नीति, पूर्वाेत्तर से संबंधित नीतियों को भी प्रभावित करते हैं।

अब जब राम माधव को जेपी नड्डा की नई टीम में जगह नहीं मिली है और अमित शाह के पुराने भरोसमंद कई लोगों को संगठन में महत्वपूर्ण ओहदा मिला है तो यह चर्चा शुरू हुई कि क्या मोदी-शाह की जोड़ी राम माधव के मशविरे व कामकाज से खुश नहीं थी? हालांकि इस फैसले के घंटों बाद भी राम माधव के ट्विटर एकाउंट पर उन्हें भाजपा का महासचिव बताया जा रहा है।

राम माधव को नई कमेटी से बाहर किए जाने पर ट्विटर पर बहस शुरू हो गई है। वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने ट्वीट किया है कि राम माधव का नाम सूची में नहीं है क्या इसका कोई कारण है।

वहीं, प्रोफेसर हरि ओम ने इसे बहुत अच्छी खबर बताया है और लिखा है कि राम माधव ब्लंडर के ब्लंडर करने के प्रतिबद्ध थे। उन्होंने लिखा कि राम माधव ने जम्मू कीमत पर कश्मीर में अलगाववादियों को खुश करने वाली गलतियां की।

राहुल डोगरा ने भी राम माधव का नाम सूची से बाहर रखे जाने पर खुशी जतायी और उन्हें अहंकारी बताया। उन्होंने लिखा कि राम माधव ने जम्मू क्षेत्र को बर्बाद कर दिया और हमें गलत तरीके से पेश किया। मोहनदास पई ने भी इस संबंध में एक खबर को ट्वीट किया।

भाजपा की नई टीम में पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह

भाजपा ने अपनी नई टीम में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों व एक पूर्व केंद्रीय मंत्री को जगह दी है। टीम में छत्तीसगढ के पूर्व सीएम डाॅ रमन सिंह, झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास व बिहार से आने वाले पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को जगह दी गई है।

भाजपा ने बंगाल से मुकुल राय को भी उपाध्यक्ष बनाया है। मालूम हो कि बिहार में चुनाव हो रहा है और अगले साल बंगाल में भी चुनाव है।




महासचिव के रूप में पार्टी की सूची में कैलाश विजयवर्गीय, भूपेंद्र यादव व अरुण सिंह जैसे मोदी-शाह के पुराने भरोसेमंद बने हुए हैं। जबकि सरोज पांडेय व अनिल जैन का नाम इस बार शामिल नहीं किया गया है। अबतक संगठन के सबसे सीनियर नेता रहे ओम माथुर को भी जगह नहीं दी गई है।

भाजपा ने कुल 12 उपाध्यक्ष बनाए हैं जबकि आठ महासचिव नियुक्त किए गए हैं। उपाध्यक्ष के रूप में उत्तरप्रदेश से सांसद रेखा वर्मा, गुजरात से भारती बेन शियाल, तेलंगाना से डीके अरुणा, नागालैंड से एम चैबा एओ और केरल से अब्दुल्ला कुट्टी को जगह दी गई है।


महासचिव के रूप में भूपेंद्र यादव, कैलाश विजयवर्गीय, अरुण सिंह बने हुए हैं। साथ ही आंध्रप्रदेश से डी पुरुदेश्वरी, कर्नाटक से सीटी रवि, पंजाब से तरुण चुग, असम से सांसद दिलीप सौकिया को जगह दी गई है।

पार्टी ने कर्नाटक से आने वाले तेजस्वी सूर्या को युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। 

उत्तरप्रदेश के राजेश अग्रवाल को भाजपा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है, वहीं मध्यप्रदेश से सांसद सुधीर गुप्ता को सह कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं।



 


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