किसानों के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने BJP पर बोला हमला, कहा दोगुनी आमदनी का ख्वाब दिखाया लेकिन हकीकत में झोली खाली

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि किसानों के लिए ऐसे कानून बनाए गए हैं कि जिनके लागू होने पर किसान अपने खेत के मालिक नहीं रह पाएंगे, किसान इन कानूनों का लगातार विरोध कर रहे हैं, भाजपा सरकारें उन्हें पीट रही हैं....

Update: 2021-09-05 14:31 GMT

अखिलेश यादव ने अमित शाह पर साधा निशाना

जनज्वार। मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में आयोजित किसान महासभा (Kisan Mahasabha) में जहां किसान नेता कृषि (Agriculture Laws) कानूनों को लेकर सरकार पर जमकर बरसे वहीं अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यदाव ने कहा कि भाजपा ने किसान को दोगुनी आमदनी का ख्वाब दिखाया लेकिन उनकी सुनवाई तक नहीं हो रही है।

सपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा बहुत कुछ देने का दावा करती है लेकिन हकीकत में किसान की झोली खाली है। भाजपा की नीति और नीयत किसान विरोधी है।

अखिलेश यादव की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि खेती की लागत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डीजल महंगा है। बिजली का बिल बढ़ा आ रहा है। खाद व बीज के दाम बढ़ गए हैं। किसानों को कर्ज मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक किसानों से गेहूं, धान और गन्ने की खरीद एमएसपी पर करने का दावा कर रहे हैं। मगर फायदा किसान को नहीं, बिचौलियों को मिल रहा ह।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां बड़े घरानों की पोषक हैं। इसलिए चीनी मिलों को राहत दी गई पर किसान कीगन्ना एमएसपी बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं है। सपा सरकार में गन्ना किसान को चालीस रुपए की एकमुश्त बढ़ी रकम दी गई थी।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि किसानों के लिए ऐसे कानून बनाए गए हैं कि जिनके लागू होने पर किसान अपने खेत के मालिक नहीं रह पाएंगे। किसान इन कानूनों का लगातार विरोध कर रहे हैं। भाजपा सरकारें उन्हें पीट रही हैं। सैकड़ों किसान धरना-प्रदर्शन में जान गंवा चुके हैं। बावजूद इसके भाजपा सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है।

मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में लाखों किसान पहुंचे। इस दौरान किसान महापंचायत को संबोधित करते राकेश टिकैत ने भी सरकार पर जमकर हमले बोले। टिकैत ने कहा- 'भारत बिकाऊ है, यानी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है। एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं। इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं। एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं। समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं, मछुआरे इससे परेशान हैं। ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है।'

टिकैत ने कहा कि मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नहीं, मिशन देश बचाने का होगा। देश और संविधान दोनों को बचाना होगा। आज लड़ाई इस मोड़ पर आ गई है कि जो 14 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, उनके कंधों पर ये आंदोलन है। 

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने तीन बड़े धोखे दिए हैं। पहला धोखा यह कि रेल व हवाई अड्डे बेचे जाएंगे, यह घोषणा पत्र में नहीं लिखा था। फिर किसने यह ताकत दी? दूसरा धोखा यह कि बिजली बेचेंगे, प्राइवेट करेंगे, यह उनके गोषणा में नहीं था। वहीं जब लोगों से वोट मांगे तब नहीं कहा बिजली बेचेंगे, फिर अब ऐसा क्यों? तीसरा धोखा यह किया कि सड़के बेचेंगे, उस पर टैक्स लगाएंगे। यह भी घोषणा पत्र में नहीं लिखा था। अब देख लो क्या-क्याचीजें बिक रही हैं। एलआईसी जो देश की बड़ी कंपनी है लेकिन अब ये सब बिक रहे हैं। इनके खरीददार अडानी और अंबानी हैं, कोई और नहीं। सारे गोदाम अडानी के कब्जे में हैं। भारत सरकार के पास अब कोई गोदाम नहीं बचा है। देश के बंदरगाह एक-एक कर निजी कंपनियों को बेच दिए। ये बंदरगाह भी बिक गए तो आपको जानकारी होनी चाहिए। 

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