UP के प्रतापगढ़ में भाजपा कार्यकर्ता की पीट-पीटकर हत्या का आरोप, क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लड़ाई में दखल देने की कोशिश के बाद मंगापुर गांव के दो भाइयों रणजीत और विपिन सरोज ने धीरेन्द्र को पीट-पीट कर मार डाला, गांव का माहौल शांत रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है....
प्रतापगढ़, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के पिथापुर मलक गांव में भारतीय जनता पार्टी के 52 वर्षीय बूथ अध्यक्ष का शव सड़क किनारे मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। शनिवार 27 मार्च को भाजपा काय्रकर्ता की लाश सड़क किनारे मिलने के बाद लोगों में भारी गुस्सा है। जानकारी के मुताबिक मृतक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने दो पक्षों के बीच विवाद में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी, जिसके बाद शुक्रवार 26 मार्च की रात को कथित तौर पर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
एडिशनल एसपी (पूर्व) सुरेंद्र द्विवेदी और सर्कल ऑफिसर (शहर) अभय पांडेय पांच पुलिस स्टेशनों और पीएसी के जवानों के साथ भारी संख्या में गांव पहुंचे, लेकिन उन्हें मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों को शांत करने में इन्हें कई घंटे लग गए, जिसके बाद आखिरकार शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
सर्कल ऑफिसर अभय पांडे ने कहा, "हमने मृतक के बहनोई की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों आपस में भाई हैं।"अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित धीरेंद्र बहादुर सिंह पीथापुर मलक गांव के रहने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार 26 मार्च की देर रात दो लोगों ने राजन सिंह नामक एक किसान के खेत से बिना उनकी अनुमति के गन्ना काटना शुरू कर दिया, जिसके कारण दो पक्षों के बीच विवाद खड़ा हो गया। पास ही रहने वाले धीरेंद्र मौके पर तुरंत पहुंचे और उन दोनों लोगों से बाइक की चाबी छीन ली। मुद्दा जल्द ही हल हो गया, जिसके बाद राजन अपने पिता नागेंद्र के साथ घर के लिए रवाना हो गए।
कोहदौर पुलिस स्टेशन के हाउस ऑफिसर (एसएचओ) बच्चेलाल ने कहा कि घटना के बाद धीरेंद्र लापता हो गए। अगले दिन सड़क पर उनका शव मिला, जिसमें चोट के कई निशान थे।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लड़ाई में दखल देने की कोशिश के बाद मंगापुर गांव के दो भाइयों रणजीत और विपिन सरोज ने धीरेन्द्र को पीट-पीट कर मार डाला। गांव का माहौल शांत रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को लाश नहीं उठाने दरी। करीब पांच घंटे तक चले हंगामे के बाद गृह सचिव से मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने पर परिवार के लोग शव पुलिस के हवाले करने को राजी हुए। पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कोहड़ौर थाना क्षेत्र के पीथापुर निवासी धीरेंद्र बहादुर सिंह भाजपा के बूथ अध्यक्ष थे। शुक्रवार 26 मार्च की देर रात पीथापुर गांव में पड़ोसी गांव के कुछ लोग जंगली सुअर का शिकार करने आए थे। आरोप है कि गंगापुर के नरेंद्र बहादुर चौहान के खेत से दो लोग गन्ना उखाड़ने लगे। तभी वहां नरेंद्र का बेटा रजनीश पहुंच गया और दोनों युवकों को रोकने लगा। बेटे की आवाज सुनकर नरेंद्र भी खेत के पास पहुंचे। उनके बीच विवाद होने लगा। शोरशराबा सुनकर धीरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों के अनुसार, धीरेंद्र ने शिकारियों की बाइक की चाभी निकाल ली। बाद में नरेंद्र ने बाइक की चाभी दिला दी। मामला रफा-दफा हो गया। रजनीश और नरेंद्र अपने घर की ओर चल पड़े।
मगर रास्ते में बाइक सवार शिकारियों ने धीरेंद्र को रोक लिया। लाठी व गन्ने से पीटकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। रात में किसी को भनक नहीं लगी। शनिवार 27 मार्च की सुबह धीरेंद्र का शव बरामद हुआ। घटनास्थल के करीब ही खेत में लाठी व गन्ने के टुकड़े मिले, जिस पर खून लगा था। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष कोहड़ौर, सीओ सिटी अभय पांडेय ने परिजनों से बातचीत की, मगर वे शव पुलिस को देने के लिए तैयार नहीं थे। कुछ देर बाद प्रभारी पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र द्विवेदी भी आ गए और परिजनों को समझाने का प्रयास करने लगे। ग्रामीण डीएम को बुलाने की जिद पर अड़े थे।