Chandigarh News : पंजाब सरकार के दावे पर भड़के अनिल विज, AAP को बताया बच्चा पार्टी, कहा - अभी उसे मुद्दों की समझ नहीं

Chandigarh News : हरियाणा और पंजाब के बीच चंडीगढ़ अकेला मुद्दा नहीं है। कई और मुद्दे हैं। सभी पर होगा फैसला।

Update: 2022-04-02 09:22 GMT

हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज। 

Chandigarh News :  पंजाब सरकार ( Punjab Government ) की ओर से चंडीगढ़ ( Chandigarh) पर दावा करने से भड़के हरियाणा सरकार ( Haryana Government ) में मंत्री अनिल विज ( Anil Vij ) भड़क गए हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब में जो सरकार आई है ये 'बच्चा पार्टी' है। इसे अभी मुद्दों की पूरी जानकारी नहीं है। हरियाणा और पंजाब के बीच चंडीगढ़ मुद्दा है, लेकिन वह अकेला मुद्दा नहीं है।

चंडीगढ़ ( Chandigarh )  के साथ एसवाईएल ( SYL ) का मुद्दा भी प्रमुख है। इसके साथ ही हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे भी हैं। जब फैसला होगा तो इन सबका फैसला होगा, किसी एक का नहीं। अनिल विज ( Anil Vij ) ने कहा कि अभी पंजाब सरकार के दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं।

भाजपा नेता और मंत्री अनिल विज ने कहा कि आम आदमी पार्टी का जन्म धोखे से हुआ है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में कहीं भी ये एजेंडा नहीं था कि राजनीतिक पार्टी बनाई जाएगी। 

विधानसभा में केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित

बता दें कि 01 अप्रैल को पंजाब की भगवंत मान सरकार ने विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करने के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया था। भारतीय जनता पार्टी को छोड़ सभी दलों ने सीएम मान का समर्थन किया था। विधानसभा में केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। प्रस्ताव में चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने की बात कही गई है।

लोगों को गुमराह न करे मान सरकार

वहीं, पंजाब विधानसभा ( Punjab assembly ) के इस प्रस्ताव पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ( CM manohar Lal Khattar ) ने कहा था कि चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी। दोनों के बीच केवल चंडीगढ़ का मसला नहीं है, बल्कि कई और मुद्दे हैं। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ ( Chandigarh ) के कर्मचारियों की मांग और हित में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का फैसला लिया है। नवगठित पंजाब सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने बाहर के अधिकारियों को चंडीगढ़ में तैनात किया हैं। साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम लागू किए हैं, जो पूर्व में बनी सहमति के खिलाफ माना जा रहा है। चंडीगढ़ शहर को पंजाब की राजधानी के तौर पर बनाया गया। पंजाब चंडीगढ़ को पूरी तरह पंजाब को हस्तांतरित करने के लिए अपना दावा पेश कर रहा है। इस मुद्दे पर हरियाणा के साथ उसका पुराना विवाद है।

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