नोटबंदी की चौथी बरसी पर 'विश्वासघात दिवस' मना रही कांग्रेस, राहुल गांधी ने ऐसे साधा PM मोदी पर निशाना

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इस फैसले के बाद देश में नकदी का संकट खड़ा हो गया था, कई लोगों का कारोबार ठप्प पड़ गया था और कई लोगों की बैंक की लाइनों में मौत हो गई थी.....

Update: 2020-11-08 08:26 GMT

नई दिल्ली। आज से ठीक चार साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ ही पांच सौ और एक हजार के नोट प्रचलन से बाहर कर दिए गए थे। इस घोषणा के साथ ही यह दावे किए जा रहे थे कि इस कदम से कालाधन, आतंकवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन इस फैसले के बाद देशभर में कैश का संकट सामने आ गया। पूरा देश लाइनों में खड़ा होकर बैंक से अपना पैसा निकालने के लिए खड़ा हो गया था। लोगों का कारोबार ठप्प होने के बाद देश में अफरा-तफरी मच गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति को सामान्य होने के लिए पचास दिन का समय भी मांगा था लेकिन स्थिति सामान्य नहीं हुई। फिर कुछ दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नए 500, 2000 रूपये के नोट जारी किए गए जो आकार में पहले की तुलना में छोटे हैं। 

उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले की 12 नवंबर को आलोचना करते हुए कहा था कि नोटबंदी के नाम पर देश में बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया। सरकार ने अपने लोगों को पहले ही आगाह कर दिया था। पिछले तीन महीनों में बैंकों में हजारों करोड़ों रूपये जमा कराए गए। बैंक में जमा कराई गई इतनी बड़ी रकम से शक पैदा होता है। 

वहीं चार साल बीत जाने के बाद भी लोग इस दिन को भूल नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को 'विश्वासघात दिवस' के रूप में मना रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी पीएम की सोची-समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से 'मोदी-मित्र' पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रूपये कर्ज माफ किया जा सके। ग़लतफ़हमी में मत रहिए- ग़लती हुई नहीं, जानबूझकर की गयी थी। इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए।' 

राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान की असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। हमें इस आक्रमण को पहचाना पड़ेगा और पूरे देश को इस आक्रमण के खिलाफ मिलकर लड़ना पड़ेगा।

वहीं कांग्रेस देशभर में इस दिन को 'विश्वासघात दिवस" के रूप में मना रही है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा, 'आज नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को पूरा देश विश्वासघात दिवस के रूप में मना रहा है। आइये आप भी हमारे #SpeakUpAgainstDeMoDisaster अभियान के साथ जुड़ कर प्रधानमंत्री द्वारा निर्मित नोटबंदी नामक आपदा के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने विनाशकारी फैसले पर देशवासियों से माफी मांगने की अपील करें।'

कांग्रेस ने दूसरे ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री अपने आपदा संबोधन में नोटबंदी से जाली नोटों पर प्रहार करने की भी बात करते हैं। लेकिन जाली नोटों के आंकड़े प्रधानमंत्री के संबोधन को कोरा झूठ और देश के साथ विश्वासघात साबित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के काले फैसले के खिलाफ आवाज उठायें।


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