कांग्रेस ने ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण, पूर्व IPS ने कहा 2024 चुनावों से पहले उठाया आत्मघाती कदम !
कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि यह RSS और BJP का प्रोग्राम है....
Ayodhya News : कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' का निमंत्रण ठुकरा दिया है, जिसकी चौतरफा आलोचना शुरू हो गयी है। गौरतलब है कि कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि यह आरएसएस और बीजेपी का प्रोग्राम है।
कांग्रेस द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराये जाने की कड़ी आलोचना करते हुए पूर्व आईपीएस सूर्यप्रताप सिंह कहते हैं, 'हमने देखा है कि गाँव देहात में यदि दुश्मन के यहाँ भी राम कथा होती थी, तब भी बुलाने पर लोग जाते थे। ये निमंत्रण ठुकराना न केवल राम से सीधा बैर है, अपितु 2024 चुनाव की दृष्टि से कांग्रेस के लिए सुसाइडल है। कांग्रेस के बड़े नेता, रामद्रोहियों से घिरे हैं।'
वहीं कांग्रेस द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराये जाने पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी कहते हैं, "मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे, वो कुछ भी बहाना बना सकते हैं। ये कार्यक्रम न्यास का है। न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। उद्घाटन तो पीएम मोदी के हाथ से होना ही चाहिए था। मंदिर समय से बन जाएगा, यह हमें पता नहीं था। हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते हैं। हम सड़क भी बनाते हैं और दूसरे काम भी करते हैं।"
वहीं रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह की तरह बीजेपी नेता अनिल एंटनी ने भी कांग्रेस के इस कदम को आत्मघाती बताते हुए टिप्पणी की है, 'विनाशकाले विपरीतबुद्धि! कांग्रेस अब भारत की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक वास्तविकताओं और भावनाओं से पूरी तरह से कट गई है। इन दिनों कांग्रेस की ओर से लिए गए हर फैसले कुछ वामपंथी चरमपंथियों को बढ़ावा देने और शीर्ष पर बैठे नेताओं के आसपास के कुछ कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए है।"
वहीं इस पर बयान जारी करते हुए कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा है, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मामला है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने अयोध्या मंदिर को एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।'
कांग्रेस की तरफ से जारी किये गये बयान में कहा गया है, 'पिछले महीने कांग्रेस मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण दिया गया था। करोड़ों भारतीय भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने सालों से राम मंदिर को एक राजनीति मुद्दा बना दिया है। यह स्पष्ट है कि अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।'
गौरतलब है कि बता कि पिछले कुछ दिनां से राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के शामिल होने को लेकर लगातार अटकलें लगायी जा रही थीं, लेकिन अब पार्टी के बयान के बाद साफ हो गया है कि कांग्रेस का आला नेतृत्व प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम करार दिया गया है और कहा गया है कि अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।