RSS से जुड़ी बंगाली पत्रिका के दावों पर कांग्रेस का पलटवार, BJP-TMC के गुप्त एजेंडे का हुआ पर्दाफाश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक पत्रिका 'स्वास्तिक' ने अपने एक लेख में दावा किया है कि बीजेपी और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का एक ही सपना है। वो सपना 'कांग्रेस मुक्त भारत' का है।

Update: 2021-12-17 11:25 GMT

कांग्रेस के नेता बोले  बीजेपी और टीएमसी के गुप्त एजेंडे का हुआ पर्दाफाश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) से संबद्ध बंगाली पत्रिका 'स्वास्तिक' ( Swastik ) ने अपने एक लेख के जरिए दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) और तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) प्रमुख व बंगाल की सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) का सपना एक ही है। दोनों का सपना ''कांग्रेसमुक्त भारत'' ( Congressmukta Bharat ) का है। इसके बाद से कोलकाता के सियासी गलियारों में यह मामला सुर्खियो में है। लेख प्रकाशित होने के बाद कांग्रेस ( Congress ) भाजपा, टीएमसी और आरएसएस तीनों पर एक साथ पलटवार किया है।

दोनों कांग्रेस के खिलाफ कर रहे हैं काम

बंगाल में विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और टीएमसी के राज का पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि अब राज खुल गया है। लंबे समय से हम कह रहे थे कि भाजपा और टीएमसी का गुप्त समझौता है और वे कांग्रेस को बर्बाद करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी और लोकतांत्रिक पार्टी है। दोनों के गुप्त एजेंडे से पार्टी को विरोधी लोग नुकसान नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अन्य राज्यों की राजनीति में भी जगह बनाने की कोशिश कर रही टीएमसी, भाजपा का मुकाबला करने में अपनी नाकामी के लिए कांग्रेस पर निशाना साधती रही है।

TMC ही मूल कांग्रेस

दरअसल, ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस के बिना विपक्षी मोर्चा तैयार करने को लेकर मुहिम शुरू करने के बाद से टीएमसी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग चरम पर है। ममता बनर्जी की पार्टी ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि सियासी लड़ाई में थक चुकी सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मुख्य विपक्षी होने की अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रही है। अब टीएमसी वास्तविक कांग्रेस है।

BJP ने लेख से बनाई दूरी

वहीं भाजपा ने आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ''स्वास्तिक'' में छपे लेख से दूरी बनाते हुए इसे ''निराधार'' और पार्टी के आधिकारिक रुख से अलग बताया है। भाजपा की पश्चिम बंगाल ईकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि इसका पार्टी की नीति या रुख से कोई लेना-देना नहीं है। 'स्वास्तिक' भले ही आरएसएस से जुड़ी पत्रिका हो लेकिन इसमें कई लेख ऐसे आते हैं जो हमारी नीतियों और सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं।

समझौते का आरोप बेबुनियाद : टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस ने भी ''भगवा खेमे के साथ समझौते ''भाजपा के साथ समझौते के आरोप बेबुनियाद हैं। ममता बनर्जी भगवा खेमे के खिलाफ मजबूत विपक्षी चेहरा हैं।

हमने लेख पढ़ा नहीं है : जिश्नु बसु

इस लेख को लेकर आरएसएस के प्रदेश महासचिव जिश्नु बसु ने कहा कि उन्होंने अभी लेख पढ़ा नहीं है। इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। मुझे किसी समझौते के बारे में नहीं पता है क्योंकि सच यह है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में भाजपा के 62 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक यह पत्रिका संगठन से जुड़ी है क्योंकि इसकी संपादकीय और प्रबंधन समिति में संघ की पृष्ठभूमि वाले कई लोग है।

अनजाने में प्रतिद्वंद्वियों को करीब ला रही हैं ममता : निर्मलया मुखोपाध्याय

बता दें कि निर्मलया मुखोपाध्याय ने ''ममता इतिहास मिटाने की इतनी इच्छुक क्यों है? निवेश आकर्षिक करने के लिए या सोनिया को बर्बाद करने के लिए, नाम का यह लेख स्वास्तिक पत्रिका के 13 दिसंबर के अंक में प्रकाशित हुआ। इस लेख में तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी ) अध्यक्ष की नई दिल्ली में हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक का जिक्र किया गया है। लेख में दावा किया गया है कि ''कांग्रेस मुक्त भारत'' टीएमसी का सपना है। मुखोपाध्याय ने लिखा है कि बदले रुख से यह साफ है कि वह पहले वाली ममता बनर्जी नहीं हैं। नरेंद्र मोदी का कांग्रेसमुक्त भारत का सपना है। मुझे लगता है कि अब ममता का भी यही सपना है। इसलिए वह इस सपने को बेचकर इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही हैं।

निर्मलया मुखोपाध्याय ने इस बात पर पर भी हैरानी जताई कि कि ममता बनर्जी के दिमाग में क्या ''राजनीतिक जोड़ तोड़'' चल रही है कि वह अपने ''दुश्मनों और जाने पहचाने प्रतिद्वंद्वियों'' को अपने करीब ला रही हैं। इस लेख पर टिप्पणी के लिए पत्रिका के संपादक तिलक रंजन बेरा से बार-बार संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है। स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक पत्रिका 'स्वास्तिक' ने अपने एक लेख में दावा किया है कि बीजेपी और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का एक ही सपना है।

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