दिल्ली एमसीडी और गुजरात विधानसभा के एक साथ हो सकते हैं चुनाव, क्या केजरीवाल को राजधानी में फंसाकर गुजरात जीतेंगे मोदी ?
गुजरात में आम आदमी पार्टी बीजेपी के 27 साल के शासन के इतिहास को बदलने की पुरजोर कोशिश कर रही है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली और गुजरात के चुनाव एक साथ होने का फायदा उठाने में लगी हुई है...
जनज्वार डेस्क| मार्च 2022 को संपन्न होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर एक नई खबर सामने आ रही है। राज्य चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग के बाद एमसीडी चुनाव दिसंबर में संभावित गुजरात स्टेट इलेक्शन के साथ होने की संभावना है। हालांकि राज्य चुनाव आयोग ने एमसीडी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं और चुनाव संपन्न कराने के लिए अधिकारियों की सूची तैयार कर ली है। इधर,परिसीमन समिति ने भी सोमवार को दिल्ली नगर निगम के वार्डों के पुनर्निर्धारण पर अपनी अंतिम रिपोर्ट सभी आपत्तियों और सुझावों का निस्तारण कर गृह मंत्रालय को सौंपीदी है। दिल्ली के नगर निगम के वार्डो को विलंबित निकाय चुनाव कराने के पहले कदम के रूप में फिर से तैयार किया गया है। जिसे सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता की परीक्षा के रूप में देखा जा सकता है। ऐसी चर्चाएं सामने आ रही है कि दिल्ली निकाय चुनाव गुजरात के विधानसभा चुनावों के साथ कराए जा सकते हैं।
केजरीवाल को दिल्ली में फंसाकर गुजरात जीतेंगे मोदी
दिल्ली MCD में इस समय बीजेपी की सरकार है। गुजरात में आम आदमी पार्टी बीजेपी के 27 साल के शासन के इतिहास को बदलने की पुरजोर कोशिश कर रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली और गुजरात के चुनाव एक साथ होने का फायदा उठाने में लगी हुई है। आप गुजरात में बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रही है, जिससे बीजेपी सहमी हुई है। ऐसे में दिल्ली एमसीडी और गुजरात विधानसभा चुनाव एक साथ होने पर बीजेपी आप को दिल्ली में व्यस्त करना चाहती है ताकि गुजरात विधानसभा के चुनाव की तैयारियों में पार्टी लगी हुई है, उसका ध्यान दिल्ली के MCD चुनाव में बट जाए। बीजेपी चाहती है कि दिल्ली के MCD चुनाव में आप व्यस्त हो जाए ताकि गुजरात के चुनाव की तैयारियों में कमी आ जाए और मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी गुजरात को एक बार फिर जीतने की कोशिश कर रही है।
गुजरात में आप का जोरदार चुनाव अभियान
आदमी पार्टी गुजरात में अपना जोरदार अभियान चला रही हैं, जिसमें पंजाब और दिल्ली में शासन के अपने मॉडल का जोरदार प्रचार कर रही है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से गठित आयोग ने दिल्ली में एमसीडी चुनावों के मद्देनजर 250 वार्डों के गठन और परिसीमन का काम पूरा कर लिया है। केंद्र की ओर से आयोग को 4 महीने का समय दिया गया था लेकिन साढ़े तीन महीने में ही आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। इसके साथ ही केंद्र ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है, जिसके तहत दिल्ली में वार्डों के आरक्षण को लेकर संपूर्ण शक्तियां और जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग को दी गई है। 250 वार्डों में से 42 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं, ये कौन से वार्ड होंगे, यह तय करने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है।
दिल्ली है गुजरात चुनाव का केंद्र
गुजरात चुनाव का केंद्र दिल्ली इसलिए है क्योंकि इस बार गुजरात में भाजपा के विकास मॉडल को आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल से ही चुनौती दे रही है। यदि चुनावी तैयारियों की बात करें तो आम आदमी पार्टी गुजरात में बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए दिखाई दे रही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा पूरी तरह से गुजरात में सक्रिय हैं और लगातार लोगों को दिल्ली के स्कूलों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए अपनी सरकार के कामों को बता रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा और राजस्थान संकट की वजह से कांग्रेस तैयारी में सबसे पीछे चल रही है। इस वजह से कांग्रेस की ओर से पेश किया जा रहा 'राजस्थान मॉडल' फिलहाल चुनावी लड़ाई का हिस्सा नहीं बन पा रहा है।