दिलीप घोष का विवादित बयान, कहा - 'टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ बांस का करें इस्तेमाल'

West Bengal Municipal Election 2022 : अब बांस का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर चुनाव पूर्व टीएमसी के खिलाफ किया जाएगा।

Update: 2022-02-23 11:42 GMT

टीएमसी के रवैये से परेशान होकर भाजपा नेता व कार्यकर्ता घर बैठने वाले नहीं हैं। 

West Bengal Municipal Election 2022 : पश्चिम बंगाल चुनाव निगर निकाय चुनाव के दौरान टीएमसी ( TMC ) नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) कार्यकर्ताओं की पिटाई और नामांकन जमा करने में बाधा डालने के साथ बार-बार धमकी देने के आरोप लगते रहे हैं। टीएमसी के इस रवैये से परेशान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ( Dilip Ghosh ) ने तृणमूल कांग्रेस को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कच्चा बांस बनाया है। अब इसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर चुनाव पूर्व में टीएमसी के खिलाफ किया जाएगा।




 भाजपा नेता दिलीप घोष ( Dilip Ghosh ) ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस जानती है कि नगरपालिका चुनावों में बीजेपी की जीत होगी। इसलिए तृणमूल कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता भाजपा ( BJP ) के पोस्टर और बैनर फाड़कर हमें रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी के इस रवैये से परेशान होकर भाजपा नेता व कार्यकर्ता घर बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने का कि भाजपा के लोग भी काफी मजबूत हैं। तृणमूल जैसा चाहेगी जवाब दिया जाएगा। वे जानते हैं कि रिपोर्ट चली जाएगी। काम कुछ नहीं होगा। इसलिए हमें जोर-शोर से मतदान करना होगा। उसकी तैयारी चल रही है. इसलिए कच्चे बांस को काटा गया है। इसका उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।

दरअसल, नगरपालिका चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और हिंसा के आरोप लगाते आये हैं। बुधवार को खड़दह नगरपालिका में भाजपा प्रत्याशी और उनके एजेंट के साथ मारपीट की गई थी। इसी तरह से अन्य इलाके में भी इस तरह की वारदात हो रही हैं।

दिलीप घोष के इस विवादित बयान पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष के शब्दों का एक और अर्थ है। केंद्रीय बलों की मांगें हास्यास्पद हैं। भाजपा ने केंद्रीय बलों की मदद से विधानसभा चुनाव में धांधली की है। केंद्रीय बलों के इशारे पर राज्य पुलिस में फेरबदल किया गया था। तब भी भाजपा हार गई थी। इसलिए, केंद्रीय बल होने पर भाजपा की जीत संभव नहीं है।

कुणाल घोष ने कहा कि दिलीप घोष ( Dilip Ghosh ) को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। जयप्रकाश मजूमदार, रितेश तिवारी समेत मूल नेतृत्व का एक बड़ा हिस्सा ने पार्टी छोड़ दी है। वे अपना सारा गुस्सा और हमले तत्कालीन भाजपा के लिए तैयार कर रहे हैं। उनकी लड़ाई तत्कालीन बीजेपी के साथ मूल भाजपा के अस्तित्व को लेकर है।

West Bengal Municipal Election 2022 : बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 फरवरी 2022 को 108 नगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर प्रचार चरम पर है। चुनावी होड़ की वजह से टीएमसी के निशाने पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को आने का सिलसिला जारी है। इसी को लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच तनाव भी जगजाहिर है। यही वजह है कि दिलीप घोष ने टीएमसी को अपनी हद में रहने की चेतावनी दी है। 

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