योगी सरकार ने किसान आंदोलन के बहाने चलाया पत्रकारों पर डंडा : विनोद जोस, राजदीप सरदेसाई समेत 6 के खिलाफ FIR
जनज्वार। दिल्ली में कृषि बिल के खिलाफ 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरा हिंसा भड़काने के लिए दोषी मानते हुए नोएडा में पत्रकार राजदीप सरदेसाई, कांरवा के संपादक विनोद जोस, नेशनल हेराल्ड की सलाहकार संपादक मृणाल पांडे समेत कई अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी, 295ए, 298, 504, 506, 505(2), 124ए, 34, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत इन लोगों पर मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
जिस पत्रकारों पर दिल्ली हिंसा भड़काने का षडयंत्र रचने के लिए मुकदमे दर्ज किये गये हैं, उनमें राजदीप सरदेसाई, कारवां के एग्जीक्यूटिव एडिटर विनोद जोस, कारवां पत्रिका के मुख्य संपादक और प्रकाश परेश नाथ, कारवां पत्रिका के संपादक अनंत नाथ, नेशनल हेराल्ड की सलाहकार संपादक मृणाल पांडे, कौमी आवाज उर्दू अखबार के मुख्य संपादक जफर आगा का नाम शामिल है। इनके अलावा कांग्रेस नेता शशि थरूर और एक अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
पत्रकारों और संपादकों पर यह मुकदमा 26 जनवरी को रात 8 बजे उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित थाना सेक्टर 20 में दर्ज किया गया है।
एफआईआर दर्ज कराने वाले ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह 26 जनवरी को जान—बूझकर कराये गये दंगे से अत्यंत दुखित है और उपर्युक्त लोगों ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोकसेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराये। दिल्ली में हुई हिंसा के लिए सीधे—सीधे ये लोग दोषी हैं, इन पर कार्रवाई की जाये।
हिंसा के लिए दर्ज हुई एफआईआर को लेकर अभी तक राजनेताओं और पत्रकारों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जिन संस्थानों से ये पत्रकार जुड़े हैं उनकी तरफ से भी अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है।
यह मुकदमे नोएडा निवासी अर्पित मिश्रा की शिकायत पर दर्ज किये गये हैं। पत्रकारों के खिलाफ अन्य धाराओं समेत दिल्ली हिंसा के लिए षड्यंत्र रचने की धारा के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है।