अधीर रंजन चौधरी कब तक कराते रहेंगे सोनिया गांधी की फजीहत, पहले भी कई बार करा चुके हैं पार्टी की किरकिरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ( Adhir Ranjan Chowdhury ) ने राष्‍ट्रपति को लेकर दिए बयान से कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, अधीर अपने बयानों से कांग्रेस ( Congress ) की कई बार फजीहत करा चुके हैं।

Update: 2022-07-29 04:55 GMT

अधीर रंजन चौधरी कब तक कराते रहेंगे सोनिया गांधी की फजीहत, पहले भी कई बार करा चुके हैं पार्टी की किरकिरी

नई दिल्ली। हर बार संसदीय सत्र से पहले कांग्रेस ( Congress ) बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक मंदी पर मोदी सरकार ( Modi government ) को घेरने और जनता के बीच बेपर्दा करने का हर संभव सियासी तानाबाना बुनती है। मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनता भी दिखता है, लेकिन कांग्रेस के कोई न कोई वरिष्ठ नेता कुछ ऐसा बयान दे देते हैं जिससे सब किया कराया चौपट हो जाता है। इतना ही नहीं, छोटी से छोटी भूल को लेकर भाजपा ( BJP ) का पूरा अमला हमलावर हो जाता है और कांग्रेस आलाकमान ( sonia Gandhi ) कुछ नहीं कर पाती है।

इस बार भी कुछ वैसा ही हुआ है। कांग्रेस ( Congress ) ने बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को लगभग बहस के लिए राजी कर लिया था कि अधीर रंजन चौधरी ( Adhir Ranjan Chaudhary ) ने राष्ट्रपति ( Rashtra ) को राष्ट्रपत्नी ( Rashtrapatni ) कह दिया और भाजपा ( BJP ) ने इस बार भी पहले की तरह कांग्रेस ( Congress ) नेताओं की इस भूल को लपक लिया। देखते ही देखते ही स्थितियां बदल गईं और भाजपा हमलावर हो गई है। स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, रमा देवी और पीयू गोयल के जरिए भाजपा ऐसे हमलावर हुई कि अब बहस का विषय ही बदल गया। इसके लिए आप किसी दोषी मानेंगे। सत्ताधारी पार्टी तो चाहेगी कि विपक्षा को कमजोर बनाए रखने का मौका मिले। यही तो राजनीति है। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। इन बातों को जानते हुए भी कांग्रेस के नेता ऐसी गलती करते क्यों हैं कि उन्हें भारी पड़ जाता है।

ऐसा पहली बार नहीं है कि राष्‍ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ( President Draupdi Murmu ) को राष्‍ट्रपत्‍नी कहने कांग्रेस की फजीहत हुई है। लोकसभा सांसद और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ( Adhir Ranjan Chaudhary ) की पहले भी कई बार जुबान फिसली है। इस बार राष्‍ट्रपति को लेकर दिए उनके बयान को लेकर सत्‍ता पक्ष के सांसदों को एक बार फिर से कांग्रेस को आड़े हाथों लेने का एक मुद्दा बैठे बिठाए ही मिल गया। ये बात अलग है कि अधीर रंजन ने भारी हंगामे के बाद कहा कि वो बंगाली हैं इसलिए उनसे ये चूक हो गई है। यदि इससे राष्‍ट्रपति को बुरा लगा है तो वो उनसे मिलकर माफी मांग लेंगे। आइए, हम आपको बताते हैं कि अधीर की भूल कब-कब कांग्रेस के लिए भारी साबित हुए हैं।

1. अनुच्‍छेद 370 को बताया था आंतरिक मुद्दा

बात तीन साल पहले की है जब केंद्र ने जम्‍मू और कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाया था तब सरकार ने अन्य देशों से मिल रही प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है। पलटकर अधीर रंजन ने ये कहकर कांग्रेस को सकते में डाल दिया कि ये आंतरिक मामला कैसे हो सकता है, जबकि 1948 से संयुक्‍त राष्‍ट्र इसको मानिटर कर रहा है। ऐन मौके पर लोकसभा में मौजूद सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) ने राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) की ओर इशारा करते हुए पूछा था कि ये क्‍या कह रहे हैं अधीर।

2. एनआरसी पर मोदी और शाह को बताया था बाहरी

नेशनल रजिस्‍टर आफ सिटिजन के मामले में भी अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस की किरकिरी कराई थी। उन्‍होंने कहा था कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री बाहरी हैं। ये दोनों ही बाहर से आए हैं। भारत हिंदु और मुसलमान दोनों का है। मोदी-शाह गुजरात से दिल्‍ली आए हैं और ये दोनों गैर कानूनी रूप से बाहरी व्‍यक्ति हैं।

3. ईयू पार्लियामेंट के सदस्‍यों को बताया था किराये का टट्टू

तीन साल पहले जम्‍मू और कश्‍मीर से धारा 370 समाप्त करने के बाद यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्‍यों के दौरे पर आये थे। तब ईयू के सदस्यों को अधीर रंजन चौधरी ने किराये का टट्टू बताया था। उन्‍होंने सरकार की ये कहते हुए खिंचाई की थी कि भारत के सांसदों को वहां पर जाने से रोक दिया जाता है और यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्‍यों को वहां ले जाया जाता है।

4. इंदिरा को गंगा तो पीएम मोदी को गंदी नाली

इसी तरह 2019 में उन्‍होंने धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी पर अशोभनीय टिप्‍पणी की थी। उन्‍होंने कहा था कि पीएम मोदी और इंदिरा गांधी की तुलना कभी नहीं की जा सकती है। उन्‍होंने अपने बयान में इंदिरा गांधी को गंगा तो पीएम मोदी को गंदी नाली बताया था।

5. कपिल सिब्‍बल कहां के नेता हैं

अधीर रंजन चौधरी केवल भाजपा या मोदी सरकार पर हमलावर नहीं होते, वो अपने नेता पर भी गलबयानी के लिए जाने जाते हैं। वह कांग्रेस के ही सदस्‍यों पर कई बार गलत बयान देकर फंस चुके हैं। कांग्रेस के अंदर विरोधी गुट जी-23 के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल के कांग्रेस लीडरशिप को लेकर उठाए गए सवालों पर कटाक्ष करते हुए उन्‍होंने कहा था कि कपिल सिब्‍बल कहां के नेता हैं, वो नहीं जानते हैं। उन्‍होंने कांग्रेस में रहकर काफी फायदा उठाया है। जब यूपीए की सरकार थी तब उनके लिए सब अच्‍छा था अब सरकार नहीं है तो सब बुरा हो गया है। वो एसी रूम के अंदर बैठकर इंटरव्‍यू देते हैं।

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