'देश की जनता की अरबों रुपये की गाढ़ी कमाई मोदी सरकार की मदद से लूट ली अडानी समूह ने'

Adani SCAM : विपक्षी दलों और नागरिक समाज द्वारा बार-बार संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच करने की मांग के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी के घोटाले की जांच कराने से इंकार कर दिया और सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा देकर अडानी को बचाने का काम किया है....

Update: 2023-09-03 13:09 GMT

(कोरोना त्रासदी के बावजूद अडानी की कमाई इस साल बुलेट की गति से बढ़ी है)

सोनभद्र। अरबों रुपए के अदानी शेयर घोटाले की जेपीसी से जांच कराने की मांग को लेकर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाने और प्रस्ताव लेकर केंद्र की मोदी सरकार को भेजने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सोनभद्र के रासपहरी में तहसील कमेटी की बैठक आयोजित की गयाी। बैठक की अध्यक्षता आइपीएफ के जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका ने की और संचालन तहसील संयोजक शिव प्रसाद गोंड ने किया।

बैठक में मौजूद आईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि गार्डियन और फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद अब यह साफ हो गया है कि देश की जनता की अरबों रुपए की पूंजी मोदी सरकार की मदद से अडानी समूह द्वारा लूटी गई है। अडानी समूह ने अपने विदेशी मित्रों की मदद से घोटाला करके अपने शेयरों का दाम बढ़ा लिया और उसके एवज में बैंकों में जमा जनता की पूंजी को कर्ज के रूप में ले लिया।

विपक्षी दलों और नागरिक समाज द्वारा बार-बार संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच करने की मांग के बावजूद मोदी सरकार ने अडानी के घोटाले की जांच कराने से इंकार कर दिया और सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा देकर अडानी को बचाने का काम किया है। इस घोटाले के बारे में जनता को जागरूक किया जायेगा।

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बैठक में संयुक्त युवा मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे रोजगार अधिकार अभियान का समर्थन किया गया और कहा गया कि सरकार यदि देश के एक प्रतिशत बड़े पूंजीपति घरानों पर दो प्रतिशत संपत्ति कर लगाए और 33% उत्तराधिकार कर लगाए तो देश के हर नागरिक को मुक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन और भोजन के अधिकार की कानूनी गारंटी की जा सकती है।

युवाओं द्वारा उठाई जा रही रोजगार गारंटी कानून बनाने और हर वयस्क नागरिक को उसके निवास से 25 किलोमीटर के दायरे के अंदर न्यूनतम मजदूरी पर रोजगार की व्यवस्था करने, रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को तत्काल भरने और ठेका संविदा प्रथा पर रोक लगाने, जनहितैषी बिजली, बैंक, बीमा, रेलवे के निजीकरण पर रोक जैसी मांगों भी समर्थन किया गया।

बैठक में लिए प्रस्ताव में कहा गया कि मनरेगा में बजट कटौती के कारण 6 महीने में ही 91% आवंटित धन खर्च हो चुका है और अभी बड़े पैमाने पर मजदूरी बकाया है। रोजगार के गहराते संकट में मनरेगा को केंद्र सरकार ने खत्म करने का काम किया है। मनरेगा में बजट बढ़ाने और हर गांव में रोजगार की गारंटी करने का मुद्दा भी अभियान में उठाया जाएगा।


तहसील कमेटी में ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित मजदूरों के आयुष्मान कार्ड, बीमा, पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, पुत्री विवाह अनुदान शिक्षा अधिकार आदि के सवालों पर 15 सितंबर को म्योरपुर ब्लॉक में एकदिवसीय धरना देने का भी निर्णय हुआ। बैठक में वनाधिकार कानून को लागू न करने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया और कहा गया कि प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री स्वयं बभनी में आकर इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि पट्टे का आवंटन किया जाएगा।

बैठक में जिला प्रवक्ता मंगरु प्रसाद श्याम, युवा मंच की जिला अध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, संयुक्त युवा मोर्चा की संयोजक सविता गोंड, संयुक्त युवा मोर्चा टीम उत्तर प्रदेश के सदस्य इंजीनियर रामकृष्ण बैगा, इंद्रदेव खरवार, मनोहर गोंड, सुगवंती गोंड, गुंजा गोंड, रामविचार गोंड, महावीर गोंड, अंतलाल खरवार, राजकुमार खरवार, अजीत जायसवाल, मैक्स विलियम, राम चन्द्र गोंड, रामरूप गोंड आदि लोगों ने अपनी बातों को रखा।

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