Jammu-kashmir : भाजपाइयों की भाषा में बोले गुलाम नबी आजाद, भूल जाओ धारा 370, अब स्पेशल स्टेटस नहीं आने वाला है वापस
Jammu-Kashmir : गुलाम नबी आजाद ( Gulam nabi Azad ) ने श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए स्थानीय पार्टियों के नेताओं को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक शोषण ने कश्मीर में एक लाख लोगों की जान ली है और पांच लाख बच्चों को अनाथ किया है। मैं झूठ और शोषण पर वोट नहीं मांगूंगा।
Jammu-Kashmir : हाल ही में कांग्रेस में पांच दशक तक रहने के बाद हमेशा के लिए उसे अलविदा कहने वाले गुलाम नबी आजाद ( Gulam nabi Azad ) ने श्रीनगर ( Srinagar ) में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपाइयों ( BJP ) की भाषा में वहां के लोगों से साफगाई के साथ कह दिया अब भूल जाओ धारा 370 ( Article 370 ) । वो कभी वापस नहीं आने वाला। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले कश्मीर ( Kashmir ) के स्पेशल स्टेटस ( special status ) को रद्द कर दिया गया। संविधान का अनुछेद 370 जिसने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता दी थे वे फिर से कभी बहाल नहीं किया जा सकता है।
न तो आपका शोषण होने दूंगा, न ही झूठ बोलकर वोट मागूंगा
गुलाम नबी आजाद ( Gulam Nabi Azad ) ने कहा कि धारा 370 ( Article 370 ) की कश्मीर में फिर से बहाली के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी। अब ऐसा दिन नहीं आयेगा कि कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिले। वो दौर गया, इसलिए मैं सियासी पार्टियों को 370 के नाम पर कश्मीरी आवाम का शोषण नहीं करने दूंगा। मैं, 370 के नाम पर लोगों को गुमराह नहीं करूंगा। धारा 370 वापस नहीं आ सकता। आपसे झूठ बोलकर मैं, वोट नहीं मागूंगा।
10 दिन में करूंगा नई पार्टी की घोषणा
गुलाम नबी ( Gulam nabi Azad ) ने स्थानीय पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक शोषण ने कश्मीर में एक लाख लोगों की जान ली है और पांच लाख बच्चों को अनाथ किया है। मैं झूठ और शोषण पर वोट नहीं मांगूंगा। मैं वही बोलूंगा जो हासिल किया जा सकता हैए।भले ही इससे मुझे चुनाव में नुकसान हो। उन्होंने कहा कि हम 10 दिनों में एक नई पार्टी की घोषणा करेंगे। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निवासी राज्य की बहाल, नौकरियों और भूमि की सुरक्षा के लिए मुझे समर्थन दें।
गुलाम नबी आजाद ( Gulam nabi Azad ) के इस रुख से साफ है कि वो जम्मू और कश्मीर के लोगों को भुलावे में नहीं रखना चाहते। अधिकांश क्षेत्रीय दलों से अलग अपना स्टैंड लेकर चलेंगे, जिसमें उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस भी शामिल है। इन पार्टियों ने अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) की बहाली के लिए अभियान चलाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसने राज्य को विशेष अधिकार दिए थे।