Hanuman Chalisa Row : सांसद नवनीत राणा अस्पताल से डिस्चार्ज, उद्धव सरकार से पूछी - मुझे किस बात की मिली सजा?
Hanuman Chalisa Row : अस्पताल के बाहर समर्थकों के बीच नवनीत राणा ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वो चुप रहने वाली नहीं हैं। आखिर उनकी गलती क्या थी। उन्होंने उद्धव ठाकरे को खुल चुनौती पेश करते हुए कहा कि वो सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।
Hanuman Chalisa Row : महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ( Navneet Rana ) रविवार को मुंबई के लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज हो गईं। अस्पताल से निकलते वक्त वो अपने विधायक पति रवि राणा के साथ थीं। अस्पताल के बाहर भाजपा नेत्री के साथ काफी संख्या में उनके समर्थक सांसद राणा का इंतजार कर रहे थे। समर्थकों के बीच नवनीत राणा ( Navneet Rana ) ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वो चुप रहने वाली नहीं हैं। आखिर उनकी गलती क्या थी। उन्होंने उद्धव ठाकरे ( Udhav Thackeray ) को खुल चुनौती पेश करते हुए कहा कि वो सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।
अस्पताल के बाहर निकलते वक्त नवनीत राणा ( Navneet Rana ) काफी कमजोर दिख रहीं थी, लेकिन उनके तेवर अभी कमजोर नहीं पड़ें हैं। उन्होंने अस्पताल से बाहर निकलते ही उद्धव सरकार ( Udhav Thackeray ) पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बताए कि उन्हें किस बात की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि लॉकअप से लेकर जेल तक उनके साथ अत्याचार हुआ है।
हनुमान और श्रीराम का नाम लेना गुनाह है क्या?
क्या हिन्दुस्तान में हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa ) पढ़ना गुनाह है क्या? क्या भगवान श्रीराम का नाम लेना गुनाह है, अगर नहीं तो, किस बात की सजा मिली। उद्धव ठाकरे को इस बात का जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa ) पढ़ना गुनाह है तो 14 दिन नहीं, 14 साल की सजा दो। मैं वीर हनुमान और भगवान श्रीराम के नाम पर सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।
उद्धव को खुली चुनौती, हिम्मत है तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं
Hanuman Chalisa Row : निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ( Navneet Rana ) ने अस्पताल से बाहर निकलते ही उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। उन्होंने उद्धव ठाकरे से कहा कि आपको विरासत में राजनीति मिली है। अगर आप में इतनी हिम्मत है तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं।
बता दें कि अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री पर हनुमान चालीसा पाठ करने की घोषणा की थी। उनके इस घोषणा के बाद शिवसैनिकों ने मुंबई और अमरावती में बवाल मचाया था। उसके बाद उन्हें मुंबई पुलिस ने घर से गिरफ्तार लिया था। इतना ही नहीं, मुंबई पुलिस ने राजद्रोह का मुकदता भी दर्ज किया था। जिसकी वजह से उन्हों 11 दिन तक लॉकअप और जेल में बिताना पड़ा। जमानत मिलने के बाद तबीयत ठीक न होने की वजह से वो लीलावती अस्पताल में भर्तीं थीं। आज वह अस्पताल डिस्चार्ज हुई हैं। उन्होंने मीडिया को बताया है कि उद्धव ठाकरे में हिम्मत में तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़ के दिखाए।